




लोगों को ग्लूकोमा के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य को लेकर 12 मार्च से 18 मार्च तक एक अभियान के रूप में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है। सोमवार को इसी क्रम में जिला अस्पताल के एएनएम प्रशिक्षण केंद्र से एक जागरूकता जुलूस निकाला गया जिसमें प्रशिक्षु एएनएम, स्टाफ, चिकित्सक व अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया। हाथों में ग्लूकोमा यानी काला मोतिया के प्रति आगाह करते हुए तमाम संदेश लिखे गए थे और लोगों को अपनी आंखों के प्रति संवेदनशील होने की बात कही जा रही थी। बता दें कि ग्लूकोमा यानी काला मोतिया आंखों की गंभीर बीमारी है जो आंखों की रोशनी छीन लेती है। कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते समय हमारी आंखों पर बहुत दबाव पड़ता है। पर हम इसे गंभीरता से नहीं ले पाते। आंखों से संबंधित परेशानियों की अनदेखी और लापरवाही धीरे-धीरे ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। खास बात है कि बच्चों में जिस प्रकार से मोबाइल और कंप्यूटर को लेकर जागरूकता बढ़ी है इससे उनको इस बीमारी की चपेट में आने का ज्यादा खतरा है। आंखों पर पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव की वजह से यह बीमारी होती है। यह ऐसी बीमारी है जिसमें आंख के अंदर के पानी का दबाव धीरे-धीरे बढ़ जाता है और आंख की नसें सूखने लगती है। देखने में परेशानी होने लगती है। यह बहुत खतरनाक है क्योंकि नस सूखने से होने वाली टाका कोई इलाज संभव नहीं है।