मंत्री संजय निषाद ने मछुआ समाज के विकास को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को बताया कारगर, कहा पहले मछुआ समाज को अछूत समझा जाता था

Azamgarh Politics

आजमगढ़ : मंत्री, मत्स्य विभाग, उ0प्र0, डॉ0 संजय कुमार निषाद ने सर्वोदय इंटर कॉलेज, ग्राम सभा जल्दीपुर में सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। हमारी नीति है कि गाँव के गरीब के साथ-साथ हर धर्म और वर्ग का विकास है। श्री निषाद ने बताया कि जिस मछुआ समाज को अछूत समझा जाता था, आज उनके विकास लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार कार्य कर रही है। पिछले बजट में 20 हजार करोड़ ब्लू रेवोल्यूशन के नाम पर मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रावधान किया है और बीते दिन में पास हुए बजट में मछुआ समाज के लिए 6 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान कर मछुआ समाज को विकास के क्रम में आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। बताया कि उ0प्र0 सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी के आत्मबल सखा महाराजा गुह्य राज निषाद जी की मिलन स्थली व अद्भुत किले श्रृंगवेरपुर धाम को पर्यटक स्थल घोषित किया जा चुका है। भगवान श्री राम एवं महाराज गुह्य राज जी के 56 फूट की गले लगी मूर्ति लगवाने का कार्य भी सरकार कर रही है। निषाद राज जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर मछुआ समाज का मान बढ़ाया जा रहा है। श्री निषाद ने विभाग से संबंधित बजट के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये रू0 257 करोड़ 50 लाख की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत रू0 10 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। निषाद राज बोट सब्सिडी योजना हेतु रू0 5 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। श्री निषाद ने बताया कि प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 में सभी मछुआरों को मत्स्य पालक कल्याण कोष से मत्स्य पालक/मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में अवसंरचनात्मक (बारात घर) सुविधाओं की स्थापना, जिसमें सामुदायिक भवन का निर्माण भी सम्मिलित है। दैवीय आपदाओं से हुई किसी क्षति की स्थिति में मत्स्य पालक/मछुआरा परिवार को वित्तीय सहायता का उपबंध कराना। वैवाहिक सहायता, शिक्षा हेतु सहायता (कोचिंग, कौशल उन्नयन, छात्रवृत्ति आदि), चिकित्सा सहायता, वृद्धावस्था सहायता, केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल एवं धनराशि के अनुसार एकल आवास सहित मछुआ आवास निर्माण सहायता की भी अनुज्ञा प्रदान की जायेगी। उच्च तकनीकी ज्ञान प्रदान करने, अन्तर्राज्यीय भ्रमण, दक्षता विकास प्रदर्शनी और सेमिनारों के लिए मत्स्य पालकों/मछुआरों के प्रशिक्षण/भ्रमण पर कुल कोष का दो प्रतिशत तक व्यय। मत्स्य पालक/मछुआ परिवारों की महिलाओं को सशक्त करने, मछली पकड़ने के जाल/उपकरणों की सुविधा की व्यवस्था करना और मछली विक्रय हेतु मोपेड आइस बाक्स आदि उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में बहुत ही कम समय शेष रहने के कारण मत्स्य पालक कल्याण कोष के अन्तर्गत प्रथम चरण में 05 कार्यक्रमों/परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा। श्री निषाद जी ने बताया कि पूर्व की सरकारों द्वारा मछुआ समाज को हमेशा हाशिये पर रखने का कार्य किया था, केवल वोट बैंक की तरह मछुआ समाज का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मछुआ समाज के सर्वांगीण विकास के लिए उचित कदम उठा रही है।

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