संयुक्त चिकित्सालय में 1.88 करोड़ के मेडिकल आई बजाय बिजली उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनी को मिला टेंडर का आरोप, DM ने दिया जांच का आदेश

Azamgarh Administration

आजमगढ़ : जिला संयुक्त चिकित्सालय तरवा आजमगढ़ के उच्चीकरण हेतु 1.88 करोड़ की धनराशि के टेंडर प्रक्रिया में चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर मनमानी एवं अनर्गल शर्तों को जेम पोर्टल पर डालने और अनुभवहीन फर्मों के पक्ष में टेंडर देने का आरोप लगा है। आरोप है कि सीएमएस ने कई अनुभवी कंपनियों को अयोग्य करते हुए बिजली के उपकरण सप्लाई वाली कंपनी को मेडिकल उपकरण सप्लाई का टेंडर दे दिया। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने सीडीओ को जांच सौंपी है। मामले में सीएमएस ने आरोपों को खारिज किया है। लखनऊ ऑप्टिकल एंड सर्जिकल कंपनी ने 11 मार्च को जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि जिला संयुक्त चिकित्सालय तरवा आजमगढ़ में 1.88 करोड़ की धनराशि जिसका क्रय मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्तर से किया जाना था कि वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। उक्त कार्यवाही को जेम बिड के माध्यम से किया जाना शासन द्वारा अनिवार्य किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा स्वीकृति के निविदा जेम बिड 16 फरवरी 2023 को आमंत्रित की गई । जिसके खोले जाने की तिथि 27 फरवरी 2023 को दी गई । जेम पोर्टल द्वारा निर्धारित शर्तों को या परिवर्तन करने का अधिकार किसी भी अधिकारी को नहीं है। निविदा प्रकाशन के पश्चात जेम निविदा के अंतर्गत यह अधिकार दिए गए हैं कि यदि किसी प्रतिभागी को निविदा की शर्तों नियमों मानकों में यदि कोई आपत्ति है तो वह निविदा प्रकाशन के 4 दिन के अंदर अपनी आपत्ति पोर्टल पर डाल सकता है मुख्य चिकित्सा अधीक्षक किया निविदा प्रारंभ से ही कतिपय फर्मों के पक्ष में अपनी मनमर्जी जो फर्मों के अनुकूल एवं जेम नियमों के विरुद्ध प्रकाशित की गई थी।
लखनऊ की कंपनी ने अपने शिकायती पत्र में दर्शाया है कि हमारी फर्म द्वारा उक्त आपत्ति जो लोक निर्माण विभाग से संबंधित थी एवं जेम की शर्तों के विपरीत थी पर 25 फरवरी 2023 को पत्र पोर्टल पर लोड किया गया। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा हमारे आपत्ति पर 17 फरवरी 2023 को संशोधन पत्र जारी किया गया जिसमें ईएमडी जमा किए जाने हेतु 24 फरवरी 2023 समय 12:00 बजे तक की सीमा रखी गई। पुनः मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को प्रकाशित निविदा की कमियां बताई गई जिसे संज्ञान में लेते हुए 23 फरवरी 2023 को शुद्धि पत्र नियम और शर्तों का जारी किया गया। जिसके पश्चात मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कतिपय फर्मों के भारी दबाव में आकर 24 फरवरी 2023 को अपना पूर्व शुद्धि पत्र पुनः निरस्त कर शत प्रतिशत अनियमितता करते हुए वापस अपनी पुरानी शर्तों पर गए जिसके विरुद्ध 25 फरवरी 2023 को प्रत्यावेदन किया गया।
27 फरवरी 2023 की खोले जाने वाली निविदा की तिथि 4 मार्च 2023 कर दी गई एवं पुनः 6 मार्च 2023 को निविदा मूल रूप में उनके कार्यालय में जमा कराई गई। निविदा का तकनीकी भाव 6 मार्च को खोला गया एवं उल्लेखनीय है कि यह आश्वासन दिया गया कि तकनीकी भाव पत्र का मूल्यांकन बिर्डस की उपस्थिति में किया जाएगा। परंतु 10 मार्च 2023 को जेम पोर्टल पर हमारी फर्म व कई अन्य फर्मों को अयोग्य करते हुए केवल 3 फर्मों को योग्य किया गया। यह फर्म जेम एवं प्रोक्योरमेंट मैन्युअल 2022 भारत सरकार के निर्धारित नियम और शर्तों के अनुरूप योग्य नहीं है । सारे नियम को ताक पर रखते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बिजली के उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनी मेसर्स शारदा इलेक्ट्रिकल्स को टेंडर दे दिया।
शिकायती पत्र में डीएम से मांग की गई कि इस प्रकरण की जांच कराकर निविदा में रखी गई शर्तों का मूल्यांकन सभी बिर्डस की उपस्थिति में कराई जाय।
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने संपूर्ण प्रकरण की जांच मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता को सौंपी है। सीडीओ का कहना है कि जांच चल रही है सभी अभिलेख प्राप्त कर लिए गए हैं जल्द ही जांच करके रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।
वहीं इस मामले में जिला संयुक्त चिकित्सालय तरवा आजमगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसके गुप्ता का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में मानक का पूरा पालन किया गया है। कहा कि जेम पोर्टल पर नियम और शर्तो के साथ टेंडर प्रक्रिया आमंत्रित की गई। जिसमें 8 फर्मों ने आवेदन किया। जेम पोर्टल ने एल वन को दिया जिसमें से मैसर्स शारदा इलेक्ट्रिकल्स को टेंडर आमंत्रित किया गया। उन्होंने इस बात से इनकार किया मेसर्स शारदा इलेक्ट्रिकल्स अनुभवहीन कंपनी है उनका कहना है कि पहले भी यह कंपनी मेडिकल उपकरण सप्लाई करती रही है। टेंडर प्रक्रिया में अनुभवी कंपनियों को दरकिनार किए जाने के सवाल पर सीएमएस का कहना था कि यह हम नहीं डिसाइड करते जेम पोर्टल डिसाइड करता है। जांच के संबंध में सीएमएस का कहना है की जो भी अभिलेख मुख्य विकास अधिकारी ने मांगे थे सभी उपलब्ध करा दिए गए हैं।

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