आजमगढ़। जाते-जाते वर्ष 2021 के आखिरी दिन 31 दिसंबर को पूरा जनपद कोहरे की चादर में लिपटा रहा। हालत यह थी कि सुबह करीब 11बजे तक कोहरे की घनी चादर चारों तरफ थी। ग्रामीण क्षेत्रों में, नदी के आसपास के क्षेत्रों में तो दृश्यता बहुत ही कमी थी। हाईवे पर व सड़कों पर वाहन चलाना काफी कठिन हो गया था। किसी प्रकार से गाड़ियां रेंग कर चल रही थी। सुबह आने जाने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नए साल की शुरुआत घने कोहरे, बादलों और शीतलहर के साथ होने का अनुमान था। लेकिन तीन दिन पहले ही मौसम बिगड़ गया था। दो दिन से दिनभर बादल छाए रहे। गुरुवार को ही दोपहर तक कोहरा रहने के कारण दृश्यता काफी कम हो गई थी। लेकिन शुक्रवार को तो स्थिति और कठिन हो गई। लोग उठे तो घनी कोहरे की चादर देख ठिठक गए। कोहरे से वाहनों की रफ्तार प्रभावित हुई। इस कारण सुबह से वाहन काफी कम रफ्तार से चले। कोहरे का असर ट्रेनों के संचालन पर दिखा तो सर्दी बढ़ने के कारण बाजारों में गर्म कपड़ों बिक्री हुई।