पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ा रहा मोदी परिवार, आजमगढ़ के इच्छापूरन बालाजी मंदिर में लगा भक्तों का मेला, कोलकाता के कपड़ो से होता है श्रृंगार

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आजमगढ़ जिले के अहिरौला थाना क्षेत्र के रेडहा स्थित इच्छापूरन बालाजी महाराज मंदिर में श्री हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1959 में तेजपाल पूरनमल फतेहचंद मोदी ने की थी। इस मंदिर में श्री बालाजी महाराज के साथ श्रीराम दरबार, शिव परिवार की प्रतिमाएं हैं। 1959 से लगातार इस मंदिर में श्री हनुमान जन्मोत्सव का कार्यक्रम मनाया जा रहा है।
मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां पर भक्त लाल कपड़े, नारियल और सिक्के को मंदिर में बांधकर अपने मन की मुराद इच्छापूरन बालाजी से मांगते हैं। भक्तों की मुराद इच्छापूरन बालाजी पूरी करते हैं। यही कारण है कि इस मंदिर पर भक्तों का भारी मेला उमड़ता है।

कलकत्ता के वस्त्रों से होता है श्रृंगार
इस मंदिर की स्थापना 1959 में की गई। तब से लगातार यहां पर श्रीराम नवमी को मेला, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, श्री बालाजी जन्मोत्सव और महाशिवरात्रि का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इन सभी कार्यक्रमों में भक्तों का भारी मेला उमड़ता है। श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। दीपा मोदी का कहना है कि परिवार के बड़ी संख्या में लोग कलकत्ता, सूरत, वाराणसी में रहते हैं पर इस कार्यक्रम में सभी लोग शामिल होते हैं। कलकत्ता और वाराणसी से भगवान की पोशाक मंगाई जाती है।

भगवान श्री इच्छापूरन बालाजी भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं। दीपा मोदी का कहना है कि प्रभु सारे काम हम लोगों से ऐसा करवाते हैं। ऐसा लगता है जैसे खुद करते हों हम लोग ऐसा महसूस करते हैं। यहां पर भक्तों के साथ श्री बालाजी ने बड़े-बड़े चमत्कार किए हैं।
पूर्वजों की परंपरा का कर रहा निर्वहन
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए इस पूरे कार्यक्रम के आयोजक संजय मोदी का कहना है कि प्रति वर्ष मंदिर में धूमधाम के साथ श्री बालाजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस जन्मोत्सव कार्यक्रम में पूरे भारत से मोदी परिवार के लोग उल्लासपूर्वक शामिल होते हैं। संजय मोदी का कहना है कि इनके पूर्वजों ने निभाई और बनाई उसका निर्वहन किया जा रहा है। वर्तमान समय बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जो अपने पूर्वजों की बनाई परंपरा को आगे निभा रहे हैं। संजय मोदी का कहना है कि परदादा तेजपाल की मंशा की थी। 2007 में मंदिर का पुर्ननिर्माण हुआ। मंदिर की जमीन खोदी जा रही थी। वहीं कुंए में मूर्ति मिली थी।

बच्चों को किया गया शिक्षा के प्रति प्रेरित
श्री बालाजी जन्मोत्सव कार्यक्रम में 150 से अधिक बच्चों के बीच कॉपी, पेंसल, टिफिन और पानी की बोतल का वितरण किया गया। इस बारे में संजय मोदी का कहना है कि आज के दिन इन बच्चों में हमें भगवान नजर आते हैं। यही कारण है कि यह बच्चे पढ़कर आगे बढ़ सकें इस कारण बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए शिक्षा से जुड़ी चीजों का वितरण बच्चों के बीच वितरित किया।

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