





केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एलआईसी, बैंक, डाक व बीएसएनएल कर्मचारियों ने दो दिवसीय हड़ताल के आवाहन पर अपने अपने कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके अलावा कर्मचारी गण हड़ताली संगठनों के बैनर के तले कलेक्ट्रेट क्षेत्र में प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी भी की।कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार उदारीकरण के नाम पर सभी सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर रही है एवं कर्मचारियों का शोषण कर रही है। इसलिए सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सभी कर्मचारी 2 दिन की हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
आजमगढ़ में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा के अलावा सभी प्रमुख बैंकों के शाखाओं पर ताले लटके रहे। जिससे अपने अपने कार्यों के लिए दूर दराज से आए लोग परेशान रहे। शहर के रैदोपुर से जीवन बीमा निगम कार्यालय के बाहर ही कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे थे। शेषनाथ राय ने बताया कि जब से 1991 में उदारीकरण की नीति शुरू हुई है तब से सरकार किसी न किसी बहाने सरकारी संस्थाओं को बेचने का काम कर रही है। अब एलआईसी का आईपीओ लाकर सरकार एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है जो भारत की आर्थिक संप्रभुता पर चोट है।