




आजमगढ़ जिले में जच्चा बच्चा की मौत के बाद गुस्से परिजनों ने जमकर हंगामा किया। जिले के मऊ मुख्य मार्ग पर मुबारकपुर थाना क्षेत्रा अंतर्गत जमुड़ी बाज़ार में स्थित एन एम क्लीनिक में शनिवार को सुबह 6 बजे प्रसव पीड़ा से बेचैन महिला को भर्ती कराया गया। भर्ती चंद घंटो बाद महिला ने मृत शिशु को जन्म दिया। चिकित्सकों के उपचार के दौरान ही नवजात शिशु की माँ ने दम तोड़ दिया। इस प्रकार जच्चा बच्चा दोनों चिकित्सकों की लापरवाही के चलते जच्चा बच्चा दोनों ने अस्पताल में दम तोड़ा। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया। अस्पताल के गेट के सामने जच्चा बच्चा का शव रखा कर परिजनों ने लगभग 3 घंटे तक प्रदर्शन किया। घटना सूचना पाकर मौके पर लोहरा चौकी इंचार्ज पहुंचे। काफी मान मनौवल करने के बाद किसी तरह से मामला शांत हुआ।
इलाज के दौरान मां ने भी तोड़ा दम
मुबारकपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मोहब्बतपुर निवासनी गुंजा यादव 23 पत्नी बृजेश यादव अपने मायके में आयी हुई थी। घटना के दिन सुबह 6 बजे एन एम क्लीनिक जमुड़ी में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के देख रेख में महिला ने मृत शिशु को जन्म दिया। जन्म के बाद अभी उपचार चल ही रहा था कि चंद घंटे बाद नवजात शिशु मां भी दम तोड़ दी। चिकित्सक न ही नवजात शिशु को बचा सके ना ही नवजात शिशु की मां को। इस प्रकार जच्चा बच्चा की मौत पर विवाहिता के ससुराल से लोग मौके आ गये और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे।
दो वर्ष पहले हुआ था विवाह
दो वर्ष पहले जहानागंज क्षेत्र के मुहासिल गांव में शादी हुई थी। ससुराल से मायका आकर रह रही थी कि प्रसव पीड़ा होने पर डिलेवरी कराने के लिए पास के ही एन एम क्लीनिक में भर्ती कराया गया। जहां जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई। मौत की सूचना पर मायका व ससुराल पक्ष से परिजन आकर लापरवाही का आरोप लगा जमकर बवाल काटा। इस सम्बन्ध में चिकित्सक डाक्टर तैय्यब ने बताया कि शनिवार को सुबह प्रसव पीड़ा होने पर सुबह छह बजे महिला को भर्ती कराया गया कुछ घंटे बाद महिला मरा हुआ बच्चा जन्म दिया महिला की तबीयत अचानक बिगड़ने पर यहां हायर सेंटर के लिए जिले रेफर कर दिया गया रास्ते में महिला मरीज या अस्पताल पहुंचकर हमें नहीं मालूम। एम्बुलेंस से लाकर शव को अस्पताल के बाहर रखकर परिजन हंगामा करने लगे। इसकी सूचना मैंने पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बूझकर किसी तरह से मामले को शांत कराया।