
आजमगढ़ में मंडलीय अस्पताल आम लोगों के उपचार के लिए खोला गया था। शासन प्रशासन की तरफ से स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार इलाज के लिए तमाम योजनाएं चल रही हैं। व्यवस्था की जा रही है। तमाम उपकरण लगाए जा रहे हैं। लेकिन आजमगढ़ के मंडलीय अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था लगभग ध्वस्त है। आए दिन यहां पर ऐसे प्रकरण आते हैं जो लोगों के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने के लिए चर्चा बनते हैं।
ऐसा ही एक मामला बुधवार को आया जब जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर अजमतगढ़ ब्लॉक के मीठापुर गांव के निवासी 75 वर्षीय सुरेंद्र तिवारी अपने पैर में इन्फेक्शन की वजह से इलाज करने के लिए मंडलीय अस्पताल पहुंचे। उनकी बहू रंजना तिवारी के अनुसार उसके ससुर शुगर के पीड़ित हैं। उनके पैर की सबसे छोटी अंगुली में इंफेक्शन हुआ था। जो बढ़ते बढ़ते पैर में फैल गया। वह ठीक नहीं हो सका। अब पर को कटने तक की नौबत आ गई है। वह मंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए चार घंटे तक दौड़ती रही लेकिन किसी डॉक्टर ने नहीं देखा। न ही कोई बेड मिला। एसआईसी भी मुलाकात के लिए समय नहीं दे सके।
मंडलीय चिकित्सालय में स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर उठे सवाल
40 किलोमीटर दूर से आए बुजुर्ग मरीज को नहीं मिल सका बेड, नहीं हुआ इलाज
4 घंटे की दौड़ भाग के बाद मजबूर होकर बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा