आजमगढ़ : ठण्ड अपनी जगह है,भक्त अपनी जगह है। जी हाँ,
इन दिनों भारत में आस्था का ज्वार है और तमाम भक्त जगह-जगह के सफ़र में है, और, खास बात यह है कि उनकी डगर हमारे जनपद से ही होकर गुजर रही है । आप जिन्हें देख रहे हैं, वो बाइक से 52 शक्तिपीठों के दर्शन के लिए निकल पड़े है। अब तक 25 शक्तिपीठों का दर्शन कर चुकने के बाद वह जनपद से बक्सर होते हुए गंगासागर को निकले है। गंगासागर में लगने वाले मेले में वे सम्मिलित होंगें।आपको बता दे कि ये बाइक यात्री नाथ सम्प्रदाय से जुड़े योगी और योगिनी है। योगी दीपक नाथ हरियाणा के मूल निवासी है और योगिनी रूस की मूल निवासिनी ।नाथ सम्प्रदाय से प्रभावित होकर योगिनी ने अपना देश छोड़ दिया है। भारत के अध्यात्म वेद ज्ञान सम्प्रदाय से प्रभावित योगिनी विगत 15 वर्षों से भारत में तप साधना में लगी हुई है। देश ही नहीं,उन्होंने अपने देश का नाम तक छोड़ दिया है, अब वह योगिनी अन्नपूर्णा नाथ के नाम से जानी जाती है।ग़ौरतलब है कि हिन्दू धर्म में शक्तिपीठ का विशेष महत्व है।हर शक्तिपीठ की अपनी एक कहानी है।देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन किया गया है।इसमें से 42 शक्तिपीठ भारत में हैं।4 बांग्लादेश में हैं।2 नेपाल में हैं और 1-1 श्रीलंका, पाकिस्तान और तिब्बत में हैं। हर शक्तिपीठ की अपनी एक कहानी है।शक्तिपीठ की पौराणिक कथा भगवान शिव और उनकी पत्नी माता सती से जुड़ी है।