सराय मारूफ गांव की गायत्री देवी पत्नी स्व. रामदुलार राजभर घर के निकट मंडई डाल कर उसी में अपना पशु बांधा करती थी। मंडई में अचानक अज्ञात कारणों से आग लग गई। इसमें बांधी गई सात बकरियां झुलस गईं जिसमें 5 की मौके पर ही मौत हो गई। दो गंभीर रूप से झुलस गयी। इन्हें बचाने के प्रयास में पड़ोसी अशोक भारद्वाज जहां आंशिक रूप से झुलस गये वहीं बकरी पालन करने वाली गायत्री देवी का चेहरा झुलस गया। ग्रामीणों के अनुसार पीड़िता गायत्री देवी की बकरी जीविकोपार्जन का जरिया थी। इनके पति का देहावसान हो चुका है। बकरी पालन करके ही पीड़िता पांच बेटी और एक बेटे का पालन पोषण करती थीं। अब उनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। अग्निकांड में बकरियों की मौत के साथ लकड़ी, उपला व गृहस्थी का सामान भी जलकर नष्ट हो गया। सूचना मिलने के बाद नायब तहसीलदार ने लेखपाल के साथ घटनास्थल का मुआयना किया तथा पशु चिकित्सक ने वहां पहुंच कर मृत बकरियों का मेडिकल किए जाने के साथ घायल बकरियों का उपचार किया।