दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव व मंत्री रामनयन यादव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को दिन डीएम नवनीत सिंह चहल को ज्ञापन सौंपा। नौ सूत्रीय मांगों को लेकर कार्यवाही की मांग की गई। बार अध्यक्ष ने बताया कि डीएम ने एडीएम प्रशासन को मामले में हल निकालने के लिए कार्रवाई करने भरोसा दिया है। पिछले कई दिनों से विभिन्न मामलों में बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर अधिवक्ता आंदोलित हैं। ज्ञापन में बताया गया कि न्यायालय कार्य अवधि 10 बजे से 05 बजे तक है, जबकि पीठासीन अधिकारी मात्र कुछ घण्टे ही कार्य करते हैं, जिससे नियत वादों का निस्तारण नहीं हो पाता है, जिसके लिए आवश्यक है कि पीठासीन अधिकारी न्यायालय पर 11 बजे से 1 बजे तक व 2 बजे से 4 बजे तक नियमित वादों का निस्तारण करें। धारा 30, 30(2), 38 उ.प.रा.सं के प्रस्तुत वाद सर्वप्रथम पंजीकृत किये जायें। तद्उपरान्त उक्त वादों में नियत अवधि के अन्दर आख्या मंगाई जाय, आख्या न प्रस्तुत होने पर सम्बन्धित कर्मचारी के ख़िलाफ प्रशासनिक कार्यवाही की जाए। प्रस्तुत वादों में सम्मन, नोटिस की कार्यवाही में निर्गत सम्मन, नोटिस जरिये प्रोसेस सरवर नियत तिथि के पूर्व तामिला की कार्यवाही करते हुए सम्बन्धित पत्रावली में संलग्न करायी जाए। न्यायालय में प्रस्तुत वादों में अधिनियम द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही कार्यवाही की जाए। मुकदमों में फरिकेन की मौखिक बहस की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त ही पक्षों से लिखित बहस प्रस्तुत किए जाने हेतु पीठासीन अधिकारी आदेशित करें। पीठासीन अधिकारी द्वारा मुकदमों में बहस की कार्रवाई पूरी होने के उपरांत आदेश हेतु नियत तिथि को निश्चित रूप से आदेश निर्गत किया जाए। यदि नियत तिथि को आदेश किन्हीं परिस्थितियों वश पारित न होने की स्थिति में स्पष्ट कारण नियत तिथि को उल्लेखित किया जाए। मुकदमों को पीठासीन अधिकारी द्वारा एक पक्षीय रूप से मध्यावकाश के पूर्व निरस्त न किया जाए। चकबंदी प्रक्रिया के अंतर्गत नियम 109 जो.च. नियमावली के अंतर्गत पारित आदेश ग्राम सभा आराजी से संबंधित प्रकरण में त्वरित अनुमति प्रदान की जाए। अधिवक्ता द्वारा यदि विविध प्रार्थना पत्र प्रस्तुति हेतु प्रशासनिक अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने पर अधिवक्ता को यथोचित सम्मान दिया जाए।