




आजमगढ़: ग्राहक सेवा में कमी पाए जाने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने यूनियन बैंक को आदेश दिया है कि वह पीड़िता को पचास हजार रुपए बतौर क्षतिपूर्ति अदा करे।इस मामले में तहसील सदर क्षेत्र के देवखरी गांव निवासी श्रीमती आशा सिंह पत्नी हरिश्चंद्र ने उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में एक नवंबर 2017 को वाद दाखिल किया था। पीड़िता के अनुसार यूनियन बैंक की अनवर गंज शाखा उसका खाता था।पीड़िता का एक खाता बैंक ऑफ़ बड़ौदा शाखा बिजोरा भंवरनाथ में भी है। पीड़िता यूनियन बैंक में जमा धनराशि को बीआरसी में जमा धनराशि को तोड़कर संपूर्ण धनराशि बैंक ऑफ़ बड़ौदा शाखा विजौरा भंवरनाथ जारिए आरटीजीएस ट्रांसफर करना चाही और उसके लिए 24 सितंबर 2017 को विपक्षी के बैंक में सारे अपने सारे कागजातों व पासबुक के साथ प्रार्थना पत्र दिया। परिवादिनी के प्रार्थना पत्र को विपक्षी ने नहीं लिया उल्टे उसे अपशब्द कहते हुए डाट कर भगा दिया। इस बात को लेकर पीड़िता को काफी मानसिक पीड़ा पहुंची। बाद में उसने इस बात की शिकायत डीजीएम यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया सिविल लाइंस आजमगढ़ समेत विभाग के बड़े अधिकारियों से की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।बाद में पीड़िता ने उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में उपभोक्ता हितों की अनदेखी किए जाने के साथ शारीरिक-मानसिक और आर्थिक कष्ट एवं सामाजिक प्रतिष्ठा की हुई क्षति को दर्शाते हुए उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश कुमार और सदस्य प्रतिष्ठा बर्मा ने विपक्षी यूनियन बैंक शाखा अनवरगंज को सेवा में कमी का दोषी पाया और आदेशित किया कि पीड़ित को क्षतिपूर्ति के तौर पर पचास हजार रुपए एक माह के अंदर नौ प्रतिशत ब्याज की दर से अदा करें।