
आजमगढ़ पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। स्वयं को आजमगढ़ का बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बताकर ईसीसीई शिक्षक पद पर चयन कर नियुक्ति पत्र दिलाने के नाम पर आरोपी के माध्यम से अभ्यर्थियों से ठगी की जा रही थी। अभियुक्त द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के नाम से फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर तथा व्हाट्सएप एवं ट्रूकॉलर पर BSA के नाम व फोटो का दुरुपयोग कर अभ्यर्थियों को विश्वास में लिया जाता था और जनसेवा केंद्रों के क्यूआर कोड के माध्यम से ₹10,000/- से ₹40,000/- तक की धनराशि मंगाई जाती थी। धनराशि प्राप्त होने के पश्चात अभियुक्त द्वारा पीड़ितों के मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए जाते थे। धारा 318(4), 319(2), 340(2) BNS व 66C, 66D आईटी एक्ट 2008, वादी मुकदमा दिनेश विश्वकर्मा पुत्र सुमेर विश्वकर्मा, निवासी ग्राम व पोस्ट मऊ कुतुबपुर, थाना रौनापार, की विवेचना के दौरान साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह मय साइबर थाना टीम द्वारा तकनीकी विश्लेषण एवं मोबाइल लोकेशन के आधार पर अन्तर्जनपदीय अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त राम सिंह पुत्र स्व. शिवगरुण निवासी – नैका महीन, झूंसी, प्रयागराज वर्तमान पता – बंदीपट्टी चौराहा, भवरगढ़, धन्नूपुर, हंडिया, प्रयागराज उम्र – लगभग 30 वर्ष की गिरफ्तारी हेतु मोबाइल नंबरों की लोकेशन के आधार पर कस्बा पट्टी, जनपद प्रतापगढ़ क्षेत्र से 02 मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया।
बरामद मोबाइलों के विश्लेषण में फर्जी ई-मेल, व्हाट्सएप प्रोफाइल, ईसीसीई शिक्षक अभ्यर्थियों की सूची, टेलीग्राम ग्रुप के स्क्रीनशॉट व अन्य डिजिटल साक्ष्य पाए गए। अभियुक्त के विरुद्ध धारा 318(4), 319(2), 340(2) BNS व 66C, 66D आईटी एक्ट 2008 के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की गयी। गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा योजनाबद्ध तरीके से स्वयं को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बताकर ईसीसीई शिक्षक पद पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर ठगी की जाती थी, जिसके प्रमुख बिंदु निम्नवत हैं— अभियुक्त एक टेलीग्राम ग्रुप “MANOJ SINGH PRAYAGRAJ” से जुड़ा हुआ था, जिसमें शिक्षा विभाग से संबंधित समाचार एवं विभिन्न भर्तियों के परिणाम, अभ्यर्थियों की सूची प्रसारित की जाती थी। सूची में अभ्यर्थियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं ई-मेल आईडी अंकित रहती थी। अभियुक्त द्वारा uttarpradeshbsaofficeazamgarh@gmail.com नामक फर्जी ई-मेल आईडी बनाई गई तथा व्हाट्सएप प्रोफाइल फोटो में अधिकारी जैसे दिखने वाले व्यक्ति की फोटो एवं कवर फोटो में बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय आजमगढ़ के मुख्य गेट की फोटो लगाई गई। ट्रूकॉलर पर भी स्वयं का नाम “बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़” दर्शाया गया। उक्त फर्जी ई-मेल आईडी से अभ्यर्थियों को ईसीसीई शिक्षक पद पर चयन होने का झांसा देते हुए ₹40,000/- की धरोहर राशि जमा करने हेतु मेल भेजा जाता था। संदेह न हो, इसके लिए आधार कार्ड, फोटो एवं नियुक्ति हेतु 03 विद्यालयों के विकल्प भी मांगे जाते थे। अभियुक्त द्वारा अभ्यर्थियों को कॉल कर ई-मेल के संबंध में जानकारी दी जाती थी तथा व्हाट्सएप पर ई-मेल का स्क्रीनशॉट भेजकर विभिन्न जनसेवा केंद्रों के क्यूआर कोड उपलब्ध कराते हुए धनराशि की मांग की जाती थी। अभ्यर्थियों द्वारा विश्वास में आकर ₹10,000/- से ₹40,000/- तक की धनराशि भेज दिए जाने के बाद अभियुक्त द्वारा नियुक्ति पत्र का इंतजार करने की बात कहकर उनका मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था।
