

अधिवक्ता परिषद के तत्वावधान में स्वामी विवेकानन्द की 161वीं जयंती पर शुक्रवार को दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ के नवीन सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। गोष्ठी को संबोधित करते हुए अधिवक्ता परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने कहा कि भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने न सिर्फ अपने भाषणों से बल्कि अपने पूरे जीवन काल में जैसे उद्धरण प्रस्तुत किए वो दुनिया को सिखाने वाले हैं। उनके काम और विचार आज भी युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। युवाओं की विचारधारा और जीवन को सही दिशा देने के उद्देश्य से 1985 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद औपनिवेशक भारत में हिंदुत्व के पुन: उद्धार और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने के लिए जाने जाते हैं। हम सबको उनके विचारों का अनुसरण करना चाहिए। बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री राजेश कुमार सिंह पराशर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों से देश के युवाओं को प्रेरित किया। वैश्विक पटल पर भारतीय दर्शन और सर्व धर्म समभाव के विचार को मजबूती दी। गोष्ठी को रतिभान सिंह, संजय द्विवेदी, मोनिका सिंह, अभयदत्त गोंड, वीरेंद्र सिंह, जीतेंद्र सिंह ने संबोधित किया। इस अवसर पर राम नारायन राय, संजय सिंह, उदयभान सिंह, हरेंद्र सिंह, केशरी सिंह, अंबारीश अग्रवाल, विनय मिश्र, रुपा गुप्ता, उषा गौड़, लक्ष्मी वर्मा समेत बहुत से अधिवक्ता उपस्थित रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता अधिवक्ता परिषद के जिलाध्यक्ष राधेश्याम मालवीय ने तथा संचालन विनोद कुमार सिंह ने किया।
स्वामी विवेकानन्द की 161वीं जयंती पर गोष्ठी का आयोजन
दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ के नवीन सभागार में गोष्ठी
अधिवक्ता परिषद के तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम