गो संरक्षण केंद्र के परिसर में मृत गोवंश का नहीं किया निस्तारण, रख रखाव में हैं भारी कमी, दायित्वों से बचते रहे जिम्मेदार, उठे सवाल

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आजमगढ़ के लालगंज तहसील के गौ संरक्षण केन्द्र हरईरामपुर परिसर में एक गौ वंश की मौत कई दिन पहले की हो चुकी थी। लेकिन मृत गोवंश को दफनाया नहीं जा सका। बदबू से लोग परेशान हो गए। एक गाय व एक बछड़ा बीमार पड़े थे। पशु चिकित्साधिकारी ठेकमा डाक्टर सुरेश पाल ने बताया कि गर्मी से बचाव के लिए गौवंशो को टिन शेड के नीचे खुले में इकट्ठा रखा जाता है। गौ संरक्षण केन्द्र हरईरामपुर परिसर में लगभग 18 से 20 कुन्तल भूसा व नौ बोरी पशु आहार मौके पर उपलब्ध था। गौवंशो के रख रखाव के स्थान पर साफ सफाई नही थी। किसी भी गौवंश को रस्सी से बाधा नही जाता है। सभी गौवंश परिसर के चारो तरफ दिन भर घूमते रहते हैं। सुबह – शाम दो बार भूसा दाना खिलाया जाता है। पानी पीने के लिए टंकी मे पानी भरा गया था। रस्सी से बाधे न जाने के कारण बडे गौवंश भूसा दाना खा जाते हैं जब कि छोटे, कमजोर व बिमार गौवंश भूसा दाना पानी खा व पी नही पाते हैं। छोटे व बिमार गौवंश को बडे गौवंश मार कर घायल कर देते है। गौ संरक्षक केन्द्र हरईरामपुर के गौ सेवक इन्द्रजीत यादव यादव ने बताया मंगलवार को कुल पचासी गौवंश है । गो सेवक के रूप मे हिरावन मौर्य व रामजस सरोज सहित तीन कर्मचारी कार्य करते है । मौके पर एक गौ सेवक इन्द्रजीत यादव ही उपस्थित रहे। मनोज कुमार ग्राम पंचायत अधिकारी ठेकमा ने बताया कि गौवंशो के मृत्यु पर कहे कि भयंकर गर्मी पड रही है उसके लिए मै क्या करू। गौवंशो के संख्या की जानकारी भी नही दे सके। मिडिया से बात-चीत में ग्राम प्रधान श्री राम सरोज ने कहा कि सफाई के लिए जिम्मेदार मैं नहीं हूं। एक गोवंश पर तीन किलो भूसा आधा किलो चुनी मिलती है जिसे खिलाया जाता है। गौ वंश मरे या जिंदा रहे इससे मेरा कोई वास्ता नहीं है।

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