आजमगढ़ के लालगंज तहसील।क्षेत्र के मंदिरों में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्रद्धा और विश्वास के साथ देवाधिदेव महादेव पूजे गए। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष पर महाशिवरात्रि पर्व पड़ता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उक्त तिथि में ही भगवान शिव तथा मां पार्वती का विवाह हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ धरती पर आते हैं और प्रत्येक शिवलिंग में विराजमान होते हैं। इस दिन की आराधना करने से सांसारिक कष्ट दूर होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार की महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन महाशिवरात्रि के साथ प्रदोष व्रत भी रखा गया। इससे इस दिन पूजा आराधना करने से दोगुना फल प्राप्त हुआ। लोग देवालयों में पूजा अर्चना करते हुए तथा ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए भारी संख्या में देखे गए। महिलाएं कन्याएं, बालक, वृद्ध, युवा सभी लोग पूजा अर्चना कर भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हुए देखे गए। राम जानकी मंदिर मसीरपुर, अहिरौली शिव मंदिर, महादेव मंदिर तिलखरा, प्रसिद्ध भोलेनाथ मन्दिर बड़ागांव, रतेश्वर महादेव मंदिर रेतवां चन्द्र भानपुर, घम्हरिया शिव मंदिर, पशुपतिनाथ तहसील मंदिर, कोटा बुजुर्ग शिव मंदिर, अकोल्ही शिव मंदिर, व्यवहरा शिव मंदिर सहित विभिन्न स्थानों पर भोलेनाथ की आराधना पूजा श्रद्धा विश्वास के साथ हुई। जगह-जगह भक्ति संगीत कार्यक्रम व मेले का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर ओम प्रकाश सिंह तिलखरा, अमित सिंह, प्रधान धनंजय सिंह, योगेश सिंह, योगेंद्र राय, सुनील सिंह, डब्बू, कथा वाचक श्याम सुंदर पाण्डेय, आनंद सिंह ,अनुराग मिश्र, अंशिका मिश्र, काजल मिश्र, बबीता मिश्र सहित समेत अन्य शिव भक्त उपस्थित थे।
तिलखरा, मसीरपुर, अकोल्ही समेत क्षेत्र के दर्जनों शिवालयों व मंदिरों में उमड़ी भीड़
महाशिवरात्रि पर भीड़, जगह जगह हुए भक्ति संगीत कार्यक्रम, मेले का आयोजन
महाशिवरात्रि के साथ ही प्रदोष का लोगों ने रखा व्रत, रहा दुर्लभ संयोग