आजमगढ़। शिल्प अनुसंधान एवं विकास संस्थान के तत्वावधान में संविधान शिल्पी डा. भीमराव अम्बेडकर व पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, इंजी रामनयन शर्मा की याद में आयोजित श्री विश्वकर्मा पूजन एवं विशाल मिलन समारोह धूमधाम से सर्फुद्दीनपुर स्थित विश्वकर्मा मंदिर में सम्पन्न हुआ। सुबह आठ बजे से श्री विश्वकर्मा मंदिर में मौजूद श्री राजेश्वराचार्य जी महाराज, अमरेश्वर नाथ जी महाराज, पंडित राजकुमार शर्मा, पंडित रूपचंद्र शर्मा शास्त्री व पं. विनय कुमार ज्योतिषाचार्य वाराणसी के सानिध्य में शुरू हुए मंत्रोच्चारण से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।
इसके बाद सिंहासिनी वाटिका में आयोजित विशाल मिलन समारोह का विधिवत शुभारम्भ मुख्य अतिथि वाराणसी से आए एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, डा. कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा, प्रबंधक डा. कृष्ण मोहन त्रिपाठी, अखिलेश मिश्र गुड्डू, रामप्यारे विश्वकर्मा, अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवती प्रसाद शर्मा, बीएचयू आईआईटी के विभागाध्यक्ष प्रो. बिन्द कुमार, विधान मंडल पेंशनर संस्थान के चेयरमैन डा सीपी शर्मा ने संयुक्त रूप से आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इसके बाद अतिथिगण को कार्यक्रम संयोजक डा राजेश विश्वकर्मा ने स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने कहा कि शिल्पकार व कामगार समाज अपने हुनर से देश व समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करता रहा है। वर्तमान में केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर समाज का विकास करें। उपरोक्त तीनों महान विभूतियों के स्मृति में वृहद कार्यक्रम समाज के लिए अनुकरणीय है और उसके लिए आयोजक मंडल की सराहना करता हूं। वहीं पूर्व मत्री डा. कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा ने कहा कि शिल्पकार व कामगार समाज अपने युवाओं को शिक्षित करें और समाज में बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी करें, तभी इस समारोह का उद्देश्य पूरा होगा। भाजपा वरिष्ठ नेता अखिलेश मिश्र गुडूडू ने कहाकि विश्वकर्मा समाज की पहचान उसके हुनर से है, अपनी क्षमता को निखारकर आप भारत को श्रेष्ठ बनाने में आगे भी अपना योगदान देते रहे।
आंगतुको के प्रति आभार प्रकट करते हुए संस्थान के प्रमुख व आयोजक डा राजेश विश्वकर्मा ने कहाकि हुनरमंद समाज के लोगों को अपने पूर्वजों से सीख और नई तकनीकि का प्रयोग करके मुख्य धारा में आना चाहिए।
अध्यक्षता श्यामा प्रसाद शर्मा, ईश्वर दयाल सिंह सेठ व संचालन मोनू विश्वकर्मा, कमलेश आजमी, छवि श्याम शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। उधर, डा. देवेश दूबे, डा रणधीर सिंह की अगुवाई में निशुल्क चिकित्सा शिविर व श्रम विभाग के संयोजन में श्रम पंजीकरण शिविर लगाया गया। साथ ही योगाचार्य डा. विकेंद्र द्वारा योग शिविर लगाया गया। साथ ही दोपहर के बाद शुरू हुआ महाप्रसाद वितरण देररात्रि तक जारी रहा। गायक राकेश विश्वकर्मा व किरण विश्वकर्मा की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देरशाम तक समां बाधे रखा।
इस अवसर पर उप्र महिला आयोग सदस्य डा प्रियंका मौर्य, एडीएम वित्त एवं राजस्व आजाद भगत, हीरालाल विश्वकर्मा, रविकांत विश्वकर्मा, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, मोती लाल, डॉ. अरविंद शर्मा, रमाकांत शिल्पकार, कैलाश, सत्य नारायण सिंह, पुष्पा शर्मा, वेदेन्द्र शर्मा, रजनीश, एड.शशिकांत, उमेश, रामधन, श्रीराम भार्गव, मनोज, मंजुल वर्मा, अम्बुज, प्रवीण, रिंकज, बबलू ठठेरा, विशाल, अनिल, शशांक, एड कृष्ण कुमार, मिथिलेश चौरसिया, राममिलन, बृजेश, अरूण, गणेश, महेन्द्र, नंद किशोर, महातम, संतोष, विरेन्द्र, जीतेन्द्र, शतरंज, सुरेंद्र, सीमा, रंजना, अरविन्द, लल्लन, डा. अखिलेश, डा अजय, विनोद शर्मा, रमेश, रजनी, सरोज, श्वेता, उषा, पूजा, कंचन, सुधा, प्रेमनाथ, महेन्द्र, रामजी त्रिलोकी सहित भारी संख्या में विश्वकर्मा समाज के लोग मौजूद रहे।