








आजमगढ़ शहर के मुख्य चौक स्थित दक्षिण मुखी देवी मंदिर में बुधवार को चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन पूजा-अर्चना व हवन को पूर्णाहुति के लिए तड़के से भीड़ उमड़ने लगी थी। सुबह होने तक मंदिर में खड़े रहने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही थी। वहीं हवन से पूरा वातावरण देवी मय हो गया था। लोगो ने मंदिर परिसर में हवन कर व्रत का पारण किया। वहीं बीती पूरी रात ज्यादातर घरों में देवी पूजन के साथ बसिऔरा किया गया। घरों में रात भर विशेष पकवान तैयार किए गए। वहीं घरों में कन्याभोज किया गया जबकि कुछ जगहों पर भंडारों के बीच बुधवार को चैत्र नवरात्र का समापन हुआ। सारा शहर मां की शक्ति की भक्ति में सराबोर रहा। मां दुर्गा-काली के अन्य मंदिरों में शाम तक भक्तों की भीड़ रही। घरों व मंदिरों से जयघोष, मंत्रोेच्चार और आरती के मधुर स्वर गूंजते रहे। भक्तों ने दुर्गा सप्तशती व चालीसा आदि का पाठ करने के बाद पूजा, हवन व आरती की। माता के दर्शन के लिए शाम तक मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। दक्षिण मुखी देवी मंदिर और बड़ादेव, रैदोपुर स्थित देवी मंदिरों में लोगों की इतनी अधिक भीड़ थी कि जगह कम पड़ने के कारण लोगों को आरती के समय बाहर ही खड़े रहना पड़ा। इस कारण कई बार इस मार्गों पर यातायात अवरूद्व हुआ। लोगों ने कन्याओं को घरों पर बुला कर उनकी आरती उतारी और भोजन कराया। उन्हें उपहार भी दिए गए। कई स्थानों पर भंडारे किए गए।