




आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील के समीप गंधुवई में जनसभा में पहुंचे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए गठबंधन की अपनी सरकार की उपलब्धियां को गिनाया। वहीं विपक्षी इंडी गठबंधन के नेताओं को निशाने पर लिया। समाजवादी पार्टी के गढ़ पर कमल के फूल को खिलाने के लिए पूरी ताकत लगाई। अपने तय कार्यक्रम से करीब 1 घंटे देर से पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 32 मिनट के अपने संबोधन में अपने 10 वर्ष के कार्यकाल को देश के विकास के रास्ते पर मील का पत्थर बताया। वही कांग्रेस की आजादी के बाद से चली आरही सरकारों को देश की तमाम समस्याओं की जड़ बताया तुष्टिकरण के मुद्दे पर सपा और कांग्रेस को जमकर घेरा। वहीं आरक्षण में धर्म के नाम पर बंटवारा को लेकर निशाना साधा। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने CAA कानून के लागू होने को लेकर कही। कहा कल उन्होंने बड़ा फैसला लिया। देश में कई वर्षों से शरणार्थी के तौर पर जीवन जी रहे पश्चिम बंगाल से लेकर कश्मीर तक के पीड़ितों को भारत की नागरिकता मिली है। यह वह लोग हैं जो देश के बंटवारे के नाम पर ठगे गए। दूसरे देश में धर्म के नाम पर प्रताड़ित किए गए। उनको बाद में अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। मोदी ने कहा कि CAA कानून का विपक्षी विरोध कर रहे हैं जबकि यह समस्या कांग्रेस की ही देन है। अब किसी की हिम्मत नहीं है कि CAA कानून को पलट सके। वहीं उन्होंने कांग्रेस को तुष्टिकरण से लेकर सांप्रदायिक दंगे कराने को लेकर जिम्मेदार ठहराया। कहा अब यह सब नहीं होते। आजमगढ़ की पहचान को लेकर भी उन्होंने कहा कि पहले देश में कहीं भी धमाके होते थे नाम कहीं ना कहीं से आजमगढ़ का जुड़ता था। इसकी पहचान को बदलने का काम किया गया है। कहा कि वही सपा और कांग्रेस के शहजादे आतंकवादियों को छुड़ाने का काम करते थे। दंगाइयों का सम्मान करते थे। तुष्टिकरण की राजनीति के अलावा उनको कुछ नहीं आता। राम मंदिर का विरोध करते थे। मोदी की गारंटी के कई मायनों पर उन्होंने चर्चा की। वहीं फ्री बिजली बिल योजना पर कहा कि पीएम सूर्यघर योजना में 75 हजार रुपए सरकार देगी। आप घर पर सोलर पैनल लगाएं। फ्री बिजली रहेगी एक्स्ट्रा बिजली को योगी सरकार खरीदेगी। वहीं 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के फ्री इलाज की योजना की गारंटी दी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने भी करीब दस मिनट संबोधित किया। वहीं भीषण गर्मी के बीच पंडाल में दुर्व्यवस्था का आलम था। भीषण गर्मी में पानी की व्यवस्था नहीं थी तो वहीं पत्रकारों के लिए भी बैठने की कहीं व्यवस्था नहीं थी। जबकि मंदुरी में दो माह पूर्व कार्यक्रम में बेहतर व्यवस्था थी। वहीं भाषण सुनने आए लोगों का भी बुरा हाल रहा।