दीवानी न्यायालय में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 95328 मुकदमों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया। इस लोक अदालत की खास बात यह रही कि 15 दंपतियों ने आपसी मतभेद बुलाकर साथ रहना स्वीकार किया और अदालत में ही एक दूसरे को माला पहना कर वहीं से घर गए। इससे पूर्व जिला जयप्रकाश पांडेय ने देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित करके लोक अदालत की शुरुआत की। विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला जज धनंजय कुमार मिश्रा ने बताया कि इस लोकअदालत में जिला जज जयप्रकाश पांडेय ने 07 मुकदमा, मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण के जज अजय कुमार सिंह ने 105 मुकदमा, प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश अहसानुल्लाह खान ने 40 मुकदमा, अपर अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय कोर्ट नंबर एक प्रेम शंकर ने 43 मुकदमा तथा अपर प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश कोर्ट नंबर दो संदीपा यादव ने 31 मुकदमा का निस्तारण किया। पारिवारिक न्यायाधीशो के प्रयास के कारण 15 जोड़ों ने आपसी मतभेद भुलाकर फिर से साथ रहना स्वीकार किया। अपर जिला सतीश चंद्र द्विवेदी ने चार मुकदमा, विशेष न्यायाधीश एससी एस टी कोर्ट कमलापति ने चार मुकदमा अपर जिला जैनेंद्र कुमार पांडेय ने दो मुकदमा, पॉक्सो कोर्ट की जज शैलजा राठी ने 6 मुकदमा ,अपर जिला संतोष कुमार यादव ने 126 मुकदमा ,अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट रमेश चंद्र ने दो मुकदमा, अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट जैनुद्दीन अंसारी ने एक मुकदमा का निस्तारण किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने 3000 मुकदमों का निस्तारण किया। एकए सी जे एम नंबर 10 रश्मि चंद ने 2010 मुकदमा, ए सी जे एम कोर्ट नंबर 11 सुनील कुमार सिंह ने 1281 ,मुकदमा ए सी जे एम कोर्ट नंबर 12 अभिनय सिंह ने 1406 मुकदमा, ए सी जे एम कोर्ट नंबर 13 कुंवर रोहित आनंद ने 1200 मुकदमा तथा सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन दीपक कुमार सिंह ने कुल 1526 मुकदमों का निस्तारण किया।