आजमगढ़ की अहरौला पुलिस की तारीफ हो रही है। अहरौला पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की शिकार गर्भवती विधवा को खून देकर उसकी जान बचाई। थाना क्षेत्र की मानसिक रूप से कमजोर एक विधवा दलित महिला के साथ पांच महीने पहले चार से छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इससे वह गर्भवती हो गई। महिला की हालत खराब होने लगी तो परिजनों को जानकारी हुई। इसके बाद शुक्रवार को परिजनों थाने पर पहुंच कर पुलिस को घटना के बाबत शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। जब महिला का चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया तो हालत बिगड़ने लगी। जांच में यह पता चला कि वह पांच माह से गर्भवती है। इसके शरीर में नाम मात्र का खून बचा है। उसके बाद चिकित्सकों ने उसके परिजनों से खून की व्यवस्था करने को कहा। जब खून उपलब्ध नहीं हो सका तो परिजनों ने इसकी जानकारी थानाध्यक्ष अहरौला मनीष पाल को दी। थानाध्यक्ष ने तत्परता दिखाते हुए थाने पर तैनात हेड कांस्टेबल आशुतोष त्रिपाठी और पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल नीरज गौड़ के साथ अस्पताल पहुंच कर तीन यूनिट रक्तदान करके पीड़िता की जान बचाई।