
आजमगढ़ : कड़ाके की ठंड इन दिनों जोरों पर है जिससे राहत महसूस करने के लिए अतरौलिया नगर पंचायत में लोग जगह-जगह लकड़ी कागज के टुकड़े,गत्ता आदि जलाकर अपने आप को गरम महसूस कर रहे हैं तो वही नगर प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है। स्थानीय नगर वासियों का आरोप है कि कड़ाके की ठंड में नगर पंचायत द्वारा लकड़ी और आलाव की व्यवस्था नहीं कराई जा रही जिसकी वजह से लोग ठंड से ठिठुरते नजर आ रहे हैं । वहीं बाजार में आने जाने वाले लोगों की संख्या भी ठंढ से बहुत कम हो गई है। सभासद रामआसरे सोनकर ने बताया कि नगर में आलाव की व्यवस्था केवल नाम मात्र है ,कहीं पर भी अलाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है जिसकी वजह से लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं। दो दिन लकड़ी को गिराया गया था लेकिन उसके बाद से कोई व्यवस्था नहीं है पूछने पर बताया गया कि नगर पंचायत के पास अलाव के लिए कोई बजट ही नहीं है। अजय कुमार चौरसिया ने बताया कि कल कुछ जगह थोड़ी लकड़ी गिरी थी लेकिन सब लोग कागज दफ़्ती गत्ता जलाकर अपने आप को गर्म कर रहे हैं। नगर प्रशासन के कर्मचारी कहते है कि उसके पास कोई बजट नहीं है। राजकुमार स्वर्णकार ने बताया कि हम सभी लोग ठंड से काफी परेशान है। जब नगर कर्मचारियों से बात की जाती है तो बोलते हैं कि अधिशासी अधिकारी के आने पर ही लकड़ी की व्यवस्था होगी ऐसे में अगर अधिशासी अधिकारी नहीं आते हैं तब तक लकड़ी की व्यवस्था क्या नहीं की जाएगी। हम लोगों की बात को सुनने के लिए अधिकारी कर्मचारी कोई तैयार नहीं है पूछने पर बताया जाता है कि नगर के पास कोई ऐसा आलाव के लिए बजट नहीं है। प्रवेश कसौधन ने बताया कि नगर पंचायत में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। कड़ाके की ठंड में लोगों को अलाव की जरूरत पड़ती है ऐसे में नगर प्रशासन द्वारा अलाव की कोई व्यवस्था नगर पंचायत में नहीं कराई जा रही है जिससे लोग काफी परेशान है। कड़ाके की ठंड में दुकानदार भी काफी मायूस है क्योंकि नगर में कोई अलाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है जिसकी वजह से नगर में कोई ग्राहक भी आना नहीं चाहता। उन्होंने इसके लिए नगर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। इस संदर्भ में अधिशासी अधिकारी विजय शंकर अवस्थी ने बताया कि नगर अध्यक्ष व सभासदों के साथ बैठक कर निर्णय लिया गया है नगर पंचायत में 17 चिन्हित स्थानों पर अलाव जल रहा है। जनता के अनुसार सभी दरवाजे पर अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकती। जो भी सार्वजनिक स्थान चिन्हित है वहां अलाव जल रहे हैं।