बाइक सवार की गोली मारकर हत्या के मामले में लचर कार्रवाई का आरोप लगा परिजन घटनास्थल पर धरने पर बैठे, मान मनौव्वल के बाद हटा जाम

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आजमगढ़ शहर के समीप शनिवार की शाम को युवक की गोली मार हत्या कर दी गई। पुलिस की लचर कार्रवाई को लेकर आक्रोशित दूसरे दिन रविवार को परिजन धरने पर बैठ गए और एफआईआर में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
रौनापार थाना क्षेत्र के मार्रा कर्मनाथपट्टी गांव निवासी रजनीश पांडेय की शनिवार शाम लगभग 6.30 बजे सिकरौड़ा पुलिया के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक के पिता राघव पांडेय की तहरीर पर शहर कोतवाली पुलिस ने नगीना सिंह, इंद्रसेन सिंह, भीमसेन सिंह, उग्रसेन सिंह और आजम के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है।
परिजनों का आरोप है कि उक्त लोगों से रजनीश का जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था तथा बार-बार जान से मारने की धमकियां भी मिल रही थीं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रविवार को परिजन आजमगढ़-बिलरियागंज मार्ग पर बैठकर जाम लगा दिए। इस बीच, करीब आधा घंटा तक जाम लगा रहा जिससे लोगों को परेशानी हुई।
रौनापार थाना क्षेत्र के मार्रा कर्मनाथपट्टी गांव निवासी रजनीश पांडेय (45) अपने गांव से जिला महिला अस्पताल में एएनएम पद पर कार्यरत अपनी पत्नी रंजना पांडेय के पास लौट रहे थे। तभी सिकरौड़ा पुलिया के पास पहले से छिपे बैठे इंद्रसेन, भीमसेन, उग्रसेन, आजम व नगीना सिंह ने कथित रूप से रास्ता रोक लिया।

तहरीर में मृतक के पिता राघव पांडेय ने बताया कि नगीना सिंह ने साथियों के ललकारने पर उनके बेटे को गोली मार दी। गोली लगते ही रजनीश पांडेय सड़क किनारे गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पाकर 112 पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें जिला अस्पताल लेकर गई, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
परिजनों में मचा कोहराम
पिता ने बताया कि आरोपितों से भूमि विवाद पिछले काफी समय से चल रहा था और मृतक को कई बार जान से मारने की धमकियां भी दी गई थीं। इस मामले का मुकदमा न्यायालय में लंबित है। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं, रविवार की सुबह रजनीश मांडेय के परिजन आजमगढ़-बिलरियागंज मार्ग पर जाम लगा दिया।

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर में मृतक रजनीश का बयान नहीं दर्ज किया है। जबकि रजनीश ने मरने से पहले पुलिस को बयान दिया था कि उन्हें कौन-कौन मिलकर मारा है। गोली किसने मारी और क्यों मारी है। पुलिस के पास इसकी वीडियो रिकाॅर्डिंग भी है। पुलिस ने एफआईआर में इसका जिक्र तक नहीं किया है।

परिजनों ने मांग किया कि एफआईआर में इसका जिक्र करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी करें और मरने से पहले रजनीश को जो बयान वीडियोग्राफी के समय हुआ वह हमें उपलब्ध कराएं। उधर जाम की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और समझा कर उन्हें हटाया इसके बाद परिजन और ग्रामीण जिला अस्पताल में पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया।

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