राजमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन और दर्शन विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

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आजमगढ़
जनपद की सामाजिक साहित्यिक संस्था परिवर्तन सेवा संस्थान गांधीगिरी टीम द्वारा आज दुर्गा टॉकीज आजमगढ़ में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसका विषय “राजमाता अहिल्याबाई होलकर: जीवन एवं दर्शन “था। गोष्टी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए नालंदा बिहार से पधारें रंगकर्मी भूपेंद्र कुमार ने कहा कि भारतीय इतिहास में एक से बढ़कर एक महान राजा रजवाड़े हुए हैं उनमें से कुछ ही महिला रही है हम प्राय महिला शासको के रूप में रानी लक्ष्मीबाई का नाम लेते हैं लेकिन उनसे भी डेढ़ सौ साल पूर्व भारत में एक महान महिला शासक ने राज किया जिसके द्वारा किए गए कार्यों पर बहुत कम चर्चा हो पाई है। हालांकि उनके काम आज भी देखने को मिल जाते हैं और यह महिला शासक अहिल्याबाई होलकर थी। एक साधारण किसान परिवार में अहिल्याबाई होलकर का जन्म हुआ अपनी सूझबूझ और दक्षता के कारण वे होलकर साम्राज्य की रानी बनी और इंदौर और महेश्वर को अपनी राजधानी बनाकर समूचे मध्य भारत में राज्य किया। उनका शासन न्याय प्रिय व प्रजा हितकारी था।
इसी क्रम में वक्ता के रूप में बिहार से पधारे संगीतकार मोहम्मद जानी ने कहा कि अहिल्याबाई एक प्रजावत्सल और न्याय प्रिय शासक थी। उनका निजी जीवन अत्यंत कष्ट में बीता।अल्पकाल में वे विधवा हो गई,युवा पुत्र और पुत्री समेत दामाद नाती भी मृत्यु के शिकार हुए।उस अकेली महिला ने होलकर साम्राज्य को संभाल। वह बहुत निडर और समझदार शासक थीं। अपने अध्यक्षई उद्बोधन में प्रसिद्ध रंगकर्मी अभिषेक पंडित ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया साथ ही अहिल्याबाई को सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में स्थापित किया। संगोष्ठी में परिवर्तन सेवा संस्थान के अध्यक्ष ओमवीर पांडे आशीष उपाध्याय जी ,रवि शंकर पांडेय जी,अमित मेहता जी,निखिल अस्थान , हर्ष एवं सचिव विवेक पांडे उपस्थित रहे

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