


सपा के प्रवक्ता अशोक यादव ने बीजेपी व सरकारी योजनाओं के साथ बजट पर निशाना साधा है। “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” एक तरह से “सामूहिक लूट योजना” में तब्दील होकर रह गई है। बलिया में जिस तरह से फर्जी दूल्हा और तमाम अनियमिताओं के साथ उपहार देने में भ्रष्टाचार की बात सामने आई, इसी पैटर्न पर आजमगढ़ में भी इस योजना में तमाम अनियमितताएं सुनने में आई हैं, जिसमें विवाह संपन्न होने के बाद जोड़ों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ गई, कुछ लाभार्थियों ने खातों में अभी तक पैसे ट्रांसफर होने से इंकार किया है, वर वधू को दिये जाने वाले उपहार की गुणवत्ता संदेह के घेरे में है उपरोक्त प्रकरण की जांच होनी चाहिए भाजपा सरकार में बात तो जनता जनार्दन की की जाती है लेकिन मंशा “धनार्जन” की रहती है। अभी कुछ हफ्ते पहले बदायूं में आंवला से भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप से “पीेएम आवास योजना” की एक लाभार्थी महिला शारदा देवी ने मंच पर सबके सामने बताया कि आवास के बदले उससे तीस हज़ार की रिश्वत ली गई है, ऐसी खबरें इस बात को परिलक्षित करती हैं कि “जन सरोकार” की बात करने वाली सरकार के अधिकारीयों का ध्यान “धन सरोकार” पर केंद्रित है।
मोदी सरकार के विदाई का यह अंतरिम बजट है, जिसमें किसानों की कर्ज़ माफ़ी, नौजवानों के रोजगार, महिलाओं के किचन से लेकर उनकीआर्थिक स्थिति तथा गरीबों की आत्मनिर्भरता का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। महंगाई से राहत,
एलपीजी सिलिंडर, पेट्रोल, डीज़ल की बेतहाशा महंगाई की कोई चर्चा नहीं,
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले बजट का 22% अभी तक खर्च नहीं हो पाया है, सकल घरेलू उत्पाद का 81% के ऋण से मुक्ति का क्या रोडमैप है? यह बजट जनता को धोख़ा देने वाला जन विरोधी बजट है।