आजमगढ़ शहर के अधिकांश मुहल्लों में बंदरों का आंतक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। सरेराह बंदर किसी का भी आवश्यक थैला खींच लेते है तो कभी बच्चों-महिलाओं को अकारण काटने के लिए दौड़ा लेते है। हालत यह है कि यह सड़कों पर तो कम लेकिन गलियों में सैकड़ों की संख्या में अपना डेरा जमाए हुए हैं जिससे आमजनमानस में भय व्याप्त है। इस समस्या को लेकर वाकिंग ग्रुप के लोगों ने नगर पालिका व जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी। मामले में नगर पालिका प्रशासन की तरफ से लगातार उदासीनता बनी हुई है। बुधवार को पुनः मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर बंदरमुक्त नगर बनाने की मांग की। इस अवसर पर व्यापार मंडल व वाकिंग ग्रुप के नगर अध्यक्ष विजय आनंद उर्फ दीपक राय ने बताया कि बंदरों का आंतक नगर क्षेत्र की प्रमुख समस्या बन चुकी है। हर रोज इनका उत्पात देखने को मिलता है। कभी राहगीरों को काटते है, खाना लेकर भाग जाते है, छत पर सूखते कपड़े फाड़ना इनका रोज की बात हो चुकी है। जिसके कारण नगरवासियों को भारी नुकसान पहुंच रही है, अतिशीध्र ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इस समस्या से निज़ात पाने के लिए इसके पूर्व भी कई धरने व आन्दोलन हुए पर शासन और जन प्रतिनिधियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। समस्या का पूर्ण निदान न होने से यह समस्या बढती ही जा रही है। इस दौरान जगदम्बा प्रसाद पांडेय, सतीश सिंह, मिथिलेश सिंह, विनय मिश्रा, सारिका कृष्ण, माधुरी देवी, अंजू चौधरी, प्रीती त्रिपाठी, सुषमा पांडेय उपस्थित रहे।
वाकिंग ग्रुप के लोगों ने लगाई गुहार
मंडलायुक्त को कार्यालय में दिया गया प्रार्थना पत्र
बंदरों से छुटकारा दिलाने की लगाई गुहार