मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ एवं ग्लोबल हॉस्पिटल,आजमगढ़ के सयुंक्त तत्वावधान में लगाया गया नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर

Blog
Spread the love

आजमगढ़: मेदांता हॉस्पिटल,लखनऊ के किडनी, मूत्र, पेट व लिवर के सुपरस्पेशिलिस्ट डॉक्टरों ने आई.एम.ए. व एन.आई.एम.ए. आजमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया। मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ से आये डॉक्टरों ने ग्लोबल हॉस्पिटल में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया। जिसमे जिले व आस पास के इलाके से आये 200 से अधिक मरीजों को परामर्श दिया गया व जाँच की गई। शिविर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ग्लोबल हॉस्पिटल के तत्वाधान में लगाया गया। स्वास्थ्य शिविर से पूर्व शहर के एक होटल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मेदांता से आये वरिष्ठ चिकित्सकों ने मूत्र, किडनी व पेट की बीमारी में आई आधुनिक तकनीक व उपचार के विषय में चर्चा की। इस संगोष्ठी में जिले के 220 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया.
स्वास्थ्य गोष्ठी में मेदांता लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर व विभागाध्यक्ष मूत्र व किडनी रोग डॉ राकेश कपूर व उनके सहयोगी डॉ रोहित कपूर ने बताया कि गुर्दे में पथरी यानी किडनी में स्टोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पूर्वांचल में इसके मामले अधिक देखने को मिलते हैं. किडनी स्टोन के मामले 3 से 10 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं, जो काफी खतरनाक है. ऐसे में इसे लेकर ध्यान देने की जरूरत है. प्रदूषित पानी और पान मसाला के सेवन से गुर्दे की पथरी (2 सेमी से अधिक बड़ी) हो सकती है. डॉ कपूर ने कहा: “हमारे ओपीडी में आने वाले लगभग 70 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जिनमें 2 सेमी से अधिक बड़ी पथरी होती है. यह अक्सर पान मसाला के उपयोग, कम पानी पीने या दूषित पानी पीने से होती है.डॉ रोहित ने बताया मेदांता लखनऊ में अत्याधुनिक मशीनों द्वारा व कुशल डॉक्टरों की टीम द्वारा जटिल से जटिल गुर्दा व मूत्र रोग की सर्जरी किफायती दरों पर की जा रही है। पेट व लिवर रोग विभाग के निदेशक डॉ अभय वर्मा ने बताया कि लिवर की बीमारियों से हर साल दुनिया भर में 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है जो कि 2030 तक लिवर की बीमारियों से मरने वालों की संख्या में 35 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होगी जो बड़े खतरे का संकेता है। फैटी लिवर, हेपेटाइटिस, सिरोसिस, मोटापा, मधुमेह और शराब आदि लिवर रोगों के मुख्य कारण है। लिवर रोगो के वर्णक्रम को बताते हुए डॉ अभय ने कहा कि समान्य से फ्राइबोसिस और उसके उपरांत सिरोसिस होता है। शोध ने बताया है कि मोटापे ने लिवर कैंसर के जोखिम को बढ़ाया है जिससे लिवर कैंसर से मृत्यु के मामले बढ़े है। कई बार हम अपने स्वास्थय को नजरअंदाज कर देते है छोटे रोग बड़ी बीमारियों का कारण बन जाते है। लिवर रोगों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली विकसित करना, अच्छा आहार लेना और नियमित व्यायाम करना आवश्यक है। स्थिति गंभीर होने पर लिवर प्रत्यारोपण ही एक मात्र उपचार बचता है, लिवर प्रत्यारोपण के बाद कुछ सावधानियों के साथ मरीज पूर्णतया स्वाथ्य जीवन व्यतीत कर सकता हैं. डॉ अभय ने बताया मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में हम अब तक 50 से अधिक मरीजों का सफलता पूर्वक लिवर प्रत्यारोपण कर चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *