पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था बाद भी जिला महिला अस्पताल से नवजात बच्ची हुई चोरी, चोर का सीसीटीवी फुटेज कैमरे में साफ दिख रहा चेहरा, पुलिस जांच पड़ताल में जुटी

Blog
Spread the love

पटवध से बबलू राय: आजमगढ़ जनपद के जिला महिला अस्पताल में एक नवजात बच्ची को रात में चोर द्वारा उठा ले जाया गया परिजनों को भनक तक नहीं लगी। गोरखपुर जनपद के गोला थाना अंतर्गत जफ्ती गांव में ब्याही 22 वर्षीय रंजना पाल पत्नी विजयपाल अपने मायके जीयनपुर थाना क्षेत्र के हरसिंहपुर गांव में अपने पिता लालचंद पाल के घर डिलीवरी से 15 दिन पूर्व आई हुई थी। प्रसव पीड़ा होने पर उसे परिजनों द्वारा जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया जहां 6 दिन पूर्व ऑपरेशन से प्रसूता ने एक बच्ची को जन्म दिया।उसे ऊपर के वार्ड में रखा गया था जहां उसके अलावा चार-पांच प्रसूतियां और भी थी सोमवार की रात सीसीटीवी कैमरा में दिखा कि 2:30 बजे के लगभग एक व्यक्ति बाइक से गेट पर पहुंचा और बाइक खड़ी कर अंदर वार्ड में गया सुरक्षा व्यवस्था में लगा हुआ गार्ड उस व्यक्ति को मरीज का अटेंडर समझ कर कोई पूछताछ नहीं किया कुछ टाइम बाद सीसीटीवी कैमरे में दिखा कि एक व्यक्ति टी-शर्ट और हाफ चढ़्ढा पहने हुए वार्ड से बच्ची को हाथ में लेकर एक गमछे में लिपेटकर वापस बाहर चला गया। वार्ड में प्रसूति के अटेंडर तथा दूसरे मरीजों के अटेंडर भी नींद में होने की वजह से देख नहीं पाए कुछ टाइम बाद जब प्रसूता की नींद खुली और उसका हाथ बच्ची के ऊपर गया तो बच्ची नदारत मिली उसने शोर मचाना शुरू कर दिया वार्ड के सभी लोग उठे और बच्ची को ढूंढने लगे इतने में अस्पताल के गार्ड तथा स्टाफ भी मौके पर पहुंच गए और इसकी सूचना अस्पताल के अधीक्षक को दी गई। सूचना मिलते ही अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनय कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज की जांच पड़ताल शुरू कर दी और इसकी सूचना तुरंत कोतवाली पुलिस को दी गई मौके पर पहुंचे कोतवाली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज का रिकॉर्ड लेकर जांच पड़ताल में जुट गई। गायब हुई बच्ची की मां का रोकर बुरा हाल था पूरे जनपद में जिला महिला अस्पताल जैसी सुरक्षा व्यवस्था तथा मरीजों की देखभाल कहीं किसी भी अस्पताल में नहीं है लेकिन कुल के बाद उचक्के बच्ची को उठा ले जाने में सफल रहे। अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर विनय सिंह ने बताया कि हम सुरक्षा व्यवस्था तथा अस्पताल द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं की हमेशा निगरानी में लगा रहता हूं। मेरे द्वारा रात में भी पूरे वार्डों की निगरानी की जाती है। अब तक यह पहली घटना है। पहले कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ था।अस्पताल में मौजूद लोगों द्वारा यह समझा गया कि यह किसी प्रसूता का अटेंडर है जिसकी वजह से गलतफहमी में किसी ने उस व्यक्ति पर ध्यान नहीं दिया और इतनी बड़ी घटना हो गई। अब देखना यह है कि पुलिस विभाग कितनी तन्मयता से अपनी जिम्मेदारी निभाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *