37 वर्ष पूर्व बल्लम से हत्या के मामले में 1 आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास व ₹15000 अर्थदंड की सुनाई सजा

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हत्या के लगभग 37 साल पुराने मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा पंद्रह हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 03 जैनेन्द्र कुमार पाण्डेय ने गुरुवार को सुनायाI अभियोजन पक्ष क्रानुसार घटना दिनांक 29 मई 1987 ईद के दिन सायं काल की है I वादी मुकदमा नसीरुद्दीन की पत्नी फातमा व बच्चे अपनी ननिहाल शिवराजपुर थाना गंभीरपुर में अपने नाना सदरूद्दीन के साथ रहते थे। उस दिन सुबह ग्राम शिवराजपुर के आशिक अली के लडके आफताब व सदरुद्दीन के लडके नान्हू के मध्य भैस को ले जाने के बाबत तकरार हुई थी।शाम को मग़रिब की नमाज़ के बाद सदरुद्दीन उर्फ नेता , शमशुददीन पुत्रगण टेल्हू व जुबेर अहमद उर्फ़ नान्हू पुत्र सदरुद्दीन एवं बदरुद्दीन पुत्र असद लाठी लेकर आशिक अली के लडके आफताब को उसके घर के पूरब मैदान मे लाठियों से मारने लगे। उसके चिल्लाने पर बचाने आये मुन्नू उर्फ़ मुश्ताक व वादी मुकदमा के ससुर सदरुद्दीन पुत्र हमीद बचाने दौड़ें। तब मुल्ज़िमान मुन्नू उर्फ़ मुश्ताक को लाठियों से तथा वादी मुकदमा के ससुर सदरुद्दीन को अभियुक्त सदरुद्दीन पुत्र टेल्हू ने बल्लम से मार दिया था जिससे सदरुद्दीन पुत्र हमीद की मौके पर ही मृत्यु हो गयी थी I इस प्रकरण मे आरोपी सदरुद्दीन, शमशुददीन व बदरुद्दीन को वर्ष 1991 मे आजीवन कारावास की सजा हुई थी I अभियुक्त जुबेर उर्फ़ नन्हू की पत्रावली अलग थी जिसके बाद उसका मुकदमा अभी चल रहा था।अभियोजन की तरफ़ से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा तथा राजेश सिंह एडवोकेट ने कुल आठ गवाह प्रस्तुत किये। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी जुबेर अहमद को आजीवन कारावास तथा पंद्रह हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।

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