ब्राह्मण परिवारों ने घरों में काला झंडा लगाकर अखिलेश यादव के आगमन का किया विरोध, इटावा कांड के बाद अखिलेश के बयान से और सोशल मीडिया पर टिप्पणी से नाराज है ब्राह्मण समाज

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आजमगढ़ : इटावा कांड के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ब्राह्मण समाज के खिलाफ दिए जा रहे लगातार बयान से ब्राह्मण समाज के लोगों में आक्रोश है। पूरे प्रदेश में ब्राह्मण समाज के लोग समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से नाराज हैं।
आज आजमगढ़ में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर अनवरगंज में बने अपने आवास और कार्यालय का उद्घाटन करने आ रहे हैं। इसके पूर्व ब्राह्मण समाज के लोगों ने अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा और विश्व हिंदू महासंघ के आह्वान पर आज सुबह से ही जिले के अलग-अलग स्थानों पर अपने घरों में काला झंडा लगाकर विरोध जताया।
सपा मुखिया अखिलेश यादव का आगमन कंधरापुर थाना क्षेत्र के अनवरगंज में हो रहा है और इसी थाना क्षेत्र के ब्राह्मण बाहुल्य बस्ती उगर पट्टी, चेवता और गौरी नारायणपुर गांव में ब्राह्मण परिवारों ने अपने घरों में सुबह से ही काला झंडा लगाया। वहीं रौनापार थाना क्षेत्र के बनहरा, मुबारकपुर थाना क्षेत्र के गजहड़ा, देवगांव थाना क्षेत्र के चेवार और दीदारगंज थाना क्षेत्र के ब्राह्मण बहुल गांव पलथी में भी ब्राह्मण परिवारों ने अपने घरों में काला झंडा लगाकर अखिलेश यादव के आजमगढ़ आगमन का विरोध किया है। इस तरह से जिले के सैकड़ो ब्राह्मण परिवारों ने अपने घरों में काला झंडा लगाकर सपा सुप्रीमो का विरोध किया।
ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि इटावा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है इसमें जो भी दोषी है पुलिस प्रशासन उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है बावजूद इसके अखिलेश यादव ने पूरे ब्राह्मण समाज को कटघरे में खड़ा कर दिया है जो बेहद निंदनीय है। ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि गांव में यादव समाज के साथ ही सभी समाज के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं लेकिन अखिलेश यादव के इस बयान के बाद से ब्राह्मण और यादव समाज के बीच खाई पैदा हो गई है उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए यह बयान दिया जो उचित नहीं है। ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि हम लोग काला झंडा लगाकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

आपको बता दें कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ है जिले की सभी 10 विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है जबकि जिले के दो सांसद भी समाजवादी पार्टी से हैं ऐसे में अपने गढ़ में अखिलेश यादव जब 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर अपने आवास और कार्यालय का उद्घाटन करने आजमगढ़ आ रहे हैं तो उन्हें ब्राह्मण समाज के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जो कहीं ना कहीं समझ जाती पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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