परावर्तक पट्टी अनिवार्य, उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई, रात में सड़क हादसा रोकने होता है कारगर: परिवहन विभाग आज़मगढ़

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आज़मगढ़, शुक्रवार। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और रात के समय वाहनों की दृश्यता बढ़ाने के उद्देश्य से परिवहन विभाग ने केन्द्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के नियम 104 के अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों पर परावर्तक (रिफ्लेक्टिव) पट्टियाँ लगाने को अनिवार्य कर दिया है। विभाग ने नियमों के अनुपालन के लिए विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है।

परिवहन विभाग के अनुसार मालवाहक वाहन (3.5 से 7.5 टन) के आगे सफेद और पीछे लाल परावर्तक पट्टी लगाना अनिवार्य है, जिनकी चौड़ाई कम से कम 20 मिमी होनी चाहिए। वहीं यात्री वाहन (M2 एवं M3 वर्ग) में सामने सफेद व लाल टेप और बड़े यात्री वाहनों के किनारों पर भी परावर्तक पट्टी लगाना आवश्यक है।

इसके अलावा 7.5 टन से अधिक वजन वाले भारी वाहनों में सामने कम से कम 50 मिमी चौड़ी सफेद परावर्तक पट्टी लगाना होगा। ई-रिक्शा, ई-कार्ट और तीन पहिया वाहनों में सामने सफेद, पीछे लाल तथा किनारों पर 50 मिमी की पीली पट्टी अनिवार्य की गई है। ट्रेलर एवं सेमी-ट्रेलर वाहनों पर भी पीछे और किनारों में स्पष्ट परावर्तक मार्किंग करना जरूरी है।

नियमों का पालन न करने पर वाहन मालिकों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 190(2) के तहत कार्रवाई होगी। पहली बार उल्लंघन पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना, तीन माह की कैद अथवा दोनों का प्रावधान है। इसके साथ ड्राइविंग लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित किया जा सकता है। दोबारा उल्लंघन पर छह माह तक की कैद, 10,000 रुपये तक का जुर्माना तथा वाहन का फिटनेस प्रमाणपत्र रोके जाने का प्रावधान है।

आपको बता दे की जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, संभागीय परिवहन अधिकारी एवं सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी—क़े आदेशानुसार वाहन स्वामी परावर्तन पट्टियाँ अवश्य लगवाएँ, क्योंकि यह मात्र नियम नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए जीवन रक्षक उपाय है। मौके पर कार्यक्रम में अतुल यादव एआरटीओ, विक्रांत सिंह पीटीओ, संजय पाल यातायात निरीक्षक, और प्रतीक मिश्रा आर आई, आदि लोग मौजूद रहे।

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