ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली व गैर-विभागीय कार्यभार के विरोध में पंचायत सचिवों का शांतिपूर्ण सत्याग्रह, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

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आजमगढ़ – अतरौलिया विकासखंड के ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति के आह्वान पर शुक्रवार को सचिवों ने ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था और अन्य विभागों द्वारा थोपे जा रहे अतिरिक्त कार्यों के विरोध में शांतिपूर्ण सत्याग्रह शुरू किया। आंदोलन खंड विकास कार्यालय अतरौलिया प्रांगण में अपरान्ह 11 बजे समिति अध्यक्ष रामविनय सिंह की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ। संचालन समन्वय समिति के मंत्री अभय यादव ने किया।
सचिवों ने बताया कि शासन द्वारा 3 नवंबर 2025 को जारी ऑनलाइन उपस्थिति का आदेश वर्तमान परिस्थितियों में अव्यवहारिक है तथा इससे पंचायत स्तर पर चल रहे शासकीय कार्य बाधित होंगे। उनका कहना था कि पंचायत सचिवों का कार्य स्वभावतः फील्ड आधारित होता है, जहां लाभार्थियों की पहचान, योजनाओं का सत्यापन, विभिन्न क्लस्टरों व ब्लॉक/जिला मुख्यालयों पर समय-समय पर जाना अनिवार्य होता है। ऐसे में ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था व्यावहारिक नहीं है।
धरने को संबोधित करते हुए रामविनय सिंह, आदेश कुमार शुक्ल, रमेश यादव, बलवंत कुमार और अभय यादव ने मांग की कि सचिवों की कार्यप्रणाली को समझते हुए इस आदेश को वापस लिया जाए। अरुण कुमार ने कहा कि नेतृत्व के निर्देश के अनुसार सभी सचिव दोपहर 1 बजे से शासकीय ग्रुप छोड़ देंगे। रविन्द्र यादव ने चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो 15 दिसंबर को सभी सचिव डोंगल वापस कर भुगतान का बहिष्कार करेंगे। आंचल यादव ने कहा कि विभागीय कार्यों के साथ-साथ अन्य विभागों के कार्य भी थोपे जा रहे हैं, जिसे तत्काल बंद किया जाए। राधिका यादव ने जानकारी दी कि 10 दिसंबर से सचिव मोटरवाहन का उपयोग बंद कर केवल साइकिल से ही कार्य करेंगे, जब तक कि पेट्रोल का व्यय शासन द्वारा वहन नहीं किया जाता। धरना समाप्ति पर सचिवों ने अपने मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारी के माध्यम से सौंपा। धरने में अरुण कुमार, आंचल सिंह यादव, रविन्द्र यादव, बृजेश यादव, रमेश यादव, राधिका यादव, राजीव सिंह, बलवंत कुमार सहित कई सचिव उपस्थित रहे।

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