
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश लेखा एवं लेखा परीक्षा सेवा एसोसिएशन की बैठक जिला पंचायत भवन में सम्पन्न हुई। जिसमे वित्तीय निष्पादन की महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर विभिन्न विभागों से आये लेखाकार व आडिटर ने सेवा संबंधी समस्याओं के त्वरित निस्तारण तथा पुरानी पेंशन बहाली करने का आह्वान किया। इस दौरान संविधान दिवस की महत्वता पर व्यापक चर्चा हुई। अध्यक्षता एमपी सिंह व संचालन देवाशीष श्रीवास्तव ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि राजकीय भुगतान एवं सम्प्रेक्षा कार्य में लेखा संवर्ग बेहद महत्वपूर्ण इकाई है। प्रायः सार्वजनिक हित से जुड़े रहने वाले लेखा संवर्गीय अधिकारी/कर्मचारी अपने सेवा के अधिकारों से वंचित रह जाता है। संगठन की मजबूती के बल पर ही आज उपासा सभी कर्मचारियों की आवाज को शासन तक पहुंचाने का कार्य कर रहा हैं। इस दौरान जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव ने लेखाकार अजय कुमार को संगठन विरोधी कार्रवाई में लिप्त पाए जाने के कारण उन्हें सर्वसम्मति से निष्कासित करने की घोषणा किया।
वीडियो पवई के लेखाकार अखिलेश यादव ने सम्वर्गीय हितों की पुरजोर वकालत करते हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग किया ताकि बूढापे की लाठी का सहारा वृद्धावस्था में मिल सकें। उन्होंने यह भी कहाकि लेखाकारों की तैनाती व चार्ज स्थानांतरण में आने वाले सभी कठिनाईयों के निदान हेतु उपासा अपनी महत्वपूर्ण रोल अदा करेगा।
बैठक के प्रारंभ में संविधान दिवस पर चर्चा करते हुए उपस्थित वक्ताओं ने कहाकि यह दिन हर भारतीय की पहचान और अस्तित्व से जुड़ा हुआ है क्योंकि इसी दिन हमारे देश का मार्गदर्शन करने वाला संविधान तैयार हुआ था। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत का संविधान अपनाया था इसलिए हर साल हम इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके दो महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरे देश में लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना। यह देश के राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था का आधार है, जो समानता, न्याय और कानून के शासन को सुनिश्चित करता है।
इस अवसर पर लेखाकार महेंद्र पाल सिंह, राजीव कुमार श्रीवास्तव, रामाश्रय, लेखाकार रमेश कुमार, सूर्यप्रकाश गुप्ता, लेखाकार धर्मेन्द्र कुमार यादव, संजय कुमार, अखिलेश यादव, उदयप्रताप सिंह, जितेंद्र मोदनवाल शामिल रहे।
