
आजमगढ़: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आजमगढ़ में रविवार को देर शाम तक पार्टी के बलिदान एवं संघर्षों के बेमिसाल 100 साल मनाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया।दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन नेहरू हॉल में नौजवान भारत सभा की शताब्दी पर “भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता” पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन हुआ।जिसकी अध्यक्षता कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय और संचालन भाकपा जिला सचिव जितेंद्र हरि पाण्डेय ने किया।
गोष्ठी के मुख्यवक्ता शहीद भगत सिंह के भांजे,शहीद भगत सिंह शताब्दी फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पंजाब एग्रिकल्चर विश्विद्यालय लुधियाना में कंप्यूटर साइंस के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जगमोहन सिंह ने अपने संबोधन में बोले कि भगत सिंह के इंकलाब का बीज आजमगढ़ की माटी में जिंदा है।जिसे हमने शिब्ली मंजिल,राहुल जन्म स्थान पंदहा,निजामाबाद गुरुद्वारा में देखा।उन्होंने अपने मामा भगत सिंह के बारे में कहा कि वे 23 साल के जीवन में 350 किताबों का अध्ययन कर चुके थे।उनका कथन था कि नौजवान खूब अध्ययन करें जिससे वे हर सवाल का जवाब दे सकें।भगत सिंह की सोच में मुख्य पांच बातें थीं।वे धर्म के जुनून से मुक्ति, जाति से मुक्ति,महिलाओं की आजादी और समाज से हर तरह की गैर बराबरी को खत्म करके पूंजीवादी का खात्मा चाहते थे।प्रो जगमोहन ने कहा कि संघ और बीजेपी गांधी,नेहरू को कमतर करके अपने को ऊंचा करना चाहते हैं।जहां भगत सिंह गैरबराबरबी खत्म कर समाज को एक सूत्र में जोड़ना चाहते थे।वहीं बीजेपी की सरकार नफरत और गैरबराबरी को बढ़ा रही है।उन्होंने बल देकर कहा कि समाज के साथ चलने वाली ताकतें समाजवादी और समाज को बांटने वाली ताकतें फासिस्टवादी हैं।आजमगढ़ का जिक्र करते हुए प्रो ने कहा कि यह मेरी यात्रा कोई तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि क्रांति यात्रा रही।उन्होंने कहा कि राहुल सांकृत्यायन जन्म स्थान तक आज भी सड़क नहीं है।इसी स्थान से निकलकर राहुल जी ने दुनियां का भ्रमण किया।भारत नौजवान सभा के सौ साल पर भगत सिंग को याद किया जाना इस मिट्टी की उर्वरता को दर्शाता है।
भाकपा राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप ने कहा कि भगत सिंह 1917 की रूसी क्रांति से बहुत प्रभावित थे।यदि भगत सिंह को फांसी नहीं दी गई होती तो वे कम्युनिस्ट पार्टी में होते।भगत सिंह का प्रिय नारा था,इंकलाब जिंदाबाद।इसका मतलब सामाजिक परिवर्तन है और ये परिवर्तन एक सतत प्रकिया है।आज जो है,वह कल नहीं रहेगा,यही कार्लमार्क्स का सिद्धांत है।अंग्रेजी साम्राज्यवाद से मुक्ति पाने के लिए भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन की मुख्य भूमिका 1920 से शुरू हो चुकी थी।हमे भगत सिंह की चेतना को आगे बढ़ाते हुए आमजन को एकजुट करके जनता की बदहाली को रोकना है।
जौनपुर से आए अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कहा कि समाज में बदलाव के लिए भगत सिंह की तरह किताबों को पढ़ना होगा।भगत सिंह की जेल डायरी में ‘मै नास्तिक क्यों हूं ‘ जिसमें एक समग्र दर्शन है।शुरुवात में विषय परिवर्तन वामपंथी चिंतक और भाकपा माले के वरिष्ट नेता जय प्रकाश नारायण ने विस्तृत तरीके से किया।
इस गोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी से आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ समाजवादियों की धरती रही है।यहां के लोग हमेशा फासिस्टवादी ताकतों का पुरजोर विरोध करते हुए समाजवादी विचारधारा की मशाल जलाए रखे हैं।हम सब मिलकर आने वाले दिनों में कार्पोरेट परस्त और किसान,मजदूर विरोधी बीजेपी को उत्तर प्रदेश की सरकार से हटाएंगे।आजमगढ़ सपा के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने भी गोष्ठी को संबोधित किया।भाकपा के इस सौ साल के निमित्त कार्यक्रम में भाकपा से जुड़े स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिजनों और पार्टी के वरिष्ट नेताओं को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर इम्तेयाज बेग,रामाज्ञा यादव,गंगादीन,दयाशंकर राय,गुलाब मौर्य, बालेदीन यादव,राम अवध यादव, हरिगेन,गोपाल,रामावतार सिंह,प्रकाश सेठ,सुनील कुमार यादव,राम टहल,संजय कुमार,राजनाथ राज,अशोक कुमार यादव,रमेश कुमार आदि लोगों को सम्मानित किया गया।
