अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम 2024 का हुआ समापन, देश विदेश से आए लोगों ने भोजपुरी के महत्व व बढ़ते प्रभाव पर डाला प्रकाश

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कभी अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मजदूरी के लिए कैरेबियाई देश समेत अन्य देशों में ले जाए गए गिरमिटिया मजदूर के परिवार आज भी भारत की भोजपुरी भाषा व संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं। न केवल जीवित रखे हैं बल्कि इसके विकास और संवर्धन के तमाम प्रयास भी गिरमिटिया मजदूर के बाद की पीढ़ी के द्वारा किए जा रहे हैं। आजमगढ़ के हरिऔध कला केंद्र के सभागार में 26 सितंबर से शुरू हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम 2024 का शुक्रवार को समापन हुआ। इससे पूर्व मुख्य अतिथि के तौर पर वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोरदिया, मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी सरिता बुधू, पूर्व सांसद भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ समेत तमाम लोगों ने शुरुआती सत्र में अपने-अपने विचारों को रखा। भोजपुरी की मिठास व संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला गया। आज उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड समेत अन्य क्षेत्रों में भोजपुरी बोले जाने के साथ ही अन्य कई देशों में जिसमें त्रिनिदाद टोबैगो, सुरीनाम, मॉरीशस, फिजी समेत अन्य देश है जहां पर भोजपुरी के बढ़ते कद पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान आजमगढ़ के हरिहरपुर स्थित संगीत महाविद्यालय के बच्चों द्वारा अपनी प्रथम प्रस्तुति से सभी लोगों का मन मोह लिया गया। बता दें कि हरिहरपुर घराना अपने गीत संगीत के लिए काफी मशहूर है और कुछ माह पूर्व ही इसका लोकार्पण हुआ था। सुनते हैं भोजपुरी संगम में आए अतिथियों ने क्या कहा।

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