प्रसूता की मौत के मामले में कोर्ट ने डॉक्टर व स्टाफ पर मुकदमा दर करने का दिया आदेश

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प्रसूता की ऑपरेशन के दौरान हुई मौत के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट नंबर दस का नाम रश्मि चंद ने आरोपी डॉक्टर व उनके स्टाफ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है।इस मामले में पीड़ित विजय कुमार निवासी चौकी मनियरा थाना मेंहनगर में अपने अधिवक्ता संजय सिंह तथा जे राम के माध्यम से न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसके अनुसार विजय कुमार की पत्नी नीतू को प्रसव पीड़ा होने विश्वकर्मा हॉस्पिटल मसीरपुर लालगंज ले जाया गया। जहां डॉक्टर बी एल विश्वकर्मा ने नीतू की जांच की और बताया कि ऑपरेशन करके बच्चे को निकालना पड़ेगा। लगभग 90000 रुपए जमा करने के बाद डॉक्टर बी एल विश्वकर्मा ने नीतू का ऑपरेशन किया लेकिन ऑपरेशन के बाद नीतू की तबीयत बिगड़ने लगी और उसकी मृत्यु हो गई। 29 जुलाई 2024 को प्रसूता नीतू का ऑपरेशन हुआ था। उसी दिन मृत्यु भी हो गई थी। मृत्यु को छुपाते हुए डॉक्टर बी एल विश्वकर्मा ने नीतू के पति से कहा कि नीतू को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर ले जाना हो गया।डॉक्टर बी एल विश्वकर्मा ने नीतू को एंबुलेंस से वाराणसी भेजवा दिया। एंबुलेंस चालक आधे रास्ते में ही नीतू के शव को छोड़कर भाग गया। इस मामले के तथ्यों परिस्थितियों को देखने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 10 और रश्मि चंद ने पाया कि नीतू का ऑपरेशन किसी पेशेवर सर्जन ने नहीं किया है। इस तरह से यह प्रकरण गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही तथा धोखाधड़ी का लग रहा है।इसलिए थाना प्रभारी देवगांव मामले में आरोपी डॉक्टर बी एल विश्वकर्मा व अन्य के विरुद्ध समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच करें।

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