
पटवध पटवध से बबलू राय: जनपद की सगड़ी तहसील अंतर्गत हरैया ब्लॉक प्रमुख का चुनाव अब पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को अपने महत्वपूर्ण निर्णय में संदीप पटेल को विजयी घोषित किया। यह फैसला 4 अक्टूबर को हुए मतदान की सीलबंद रिपोर्ट खोलने के बाद सुनाया गया।
गौरतलब है कि हरैया ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ क्षेत्र पंचायत सदस्य वंदना द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 4 अक्टूबर को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फ्लोर टेस्ट कराया गया था। मतदान में कुल 54 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने हिस्सा लिया था। मतदान की प्रक्रिया गुप्त मतदान (बैलेट पेपर) से हुई थी, जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी रविंद्र कुमार ने अपनी देखरेख में सम्पन्न कराया था। मतगणना पूरी होने के बाद परिणाम को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया गया था। हरैया ब्लॉक प्रमुख चुनाव केवल स्थानीय राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने भाजपा की आंतरिक गुटबाजी को भी उजागर कर दिया। हरैया ब्लॉक प्रमुख चुनाव से शुरू हुई यह गुटबाजी आगे मंत्री अनिल राजभर के कार्यक्रम तक जा पहुंची। कार्यक्रम के दौरान भी भाजपा के दोनों गुटों में तीखी झड़प और मारपीट की घटनाएं सामने आईं। यह घटना पार्टी नेतृत्व के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई। इस पूरे प्रकरण ने भाजपा के अंदर चल रही गुटबाजी को खुलकर उजागर कर दिया है। एक तरफ पार्टी का एक धड़ा संगठन की एकता की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर आंतरिक मतभेद पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
हरैया ब्लॉक प्रमुख का यह चुनाव न केवल स्थानीय सत्ता संतुलन का प्रतीक बन गया, बल्कि यह भाजपा के लिए आंतरिक परीक्षा की तरह साबित हुआ। सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद अब स्थिति स्पष्ट है संदीप पटेल हरैया ब्लॉक के वैध रूप से निर्वाचित ब्लॉक प्रमुख हैं। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया ने यह भी दिखा दिया कि भाजपा को अब अपने ही संगठन के भीतर सुलह और अनुशासन की दिशा में गंभीर कदम उठाने होंगे, वरना स्थानीय स्तर पर होने वाले ऐसे विवाद पार्टी की एकजुटता को गहरी चोट पहुंचा सकते हैं।
