राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायपालिका व पुलिस विभाग के समन्वय से 40 बिछड़े दम्पत्ति का हुआ पुनर्मिलन

Uncategorized

आजमगढ़: न्यायिक प्रक्रिया को मानवीय संवेदना से जोड़ते हुए मिशन शक्ति 5.0 के तहत 13 दिसंबर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से 40 जोड़ों ने आपसी सहमति से अपने वैवाहिक विवादों का समाधान कर पुनः साथ जीवन प्रारंभ करने का निर्णय लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ डा0 अनिल कुमार के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक नगर मधुवन कुमार सिंह के समन्वय से तथा क्षेत्राधिकारी नगर शुभम तोदी की उपस्थिती में 40 दम्पत्ति जोडों को फूल-माला व उपहार देकर उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए विदा किया गया, इस सकारात्मक पहल से परिवारों में पुनः खुशियाँ लौट आईं। इस संपूर्ण प्रक्रिया में मा0 प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय एहसानउल्ला खान, अपर प्रधान पारिवारीक न्यायाधीश श्रीमति संदिपा यादव, अपर प्रधान पारिवारीक न्यायाधीश प्रेम शंकर, अपर जनपद न्यायाधीश नोडल अधिकारी लोक अदालत संतोष यादव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंकित वर्मा, अपर प्रधान न्यायाधीश श्रवण कुमार गुप्ता, अपर प्रधान न्यायाधीश विनय कुमार तिवारी, क्षेत्राधाकारी नगर आजमगढ़ शुभम तोदी, प्रधान न्यायाधीश के परामर्शदाता कुलदीप कुमार सिंह व पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा। न्यायालय व पुलिस अधिकारियों द्वारा दोनों पक्षों की काउंसलिंग कर, विश्वास और सौहार्दपूर्ण वातावरण में समझौता कराने हेतु निरंतर प्रयास किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 40 बिखरते परिवार पुनः एकजुट हो गये। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विवादों का त्वरित एवं शांतिपूर्ण समाधान न केवल न्यायालयों पर लंबित मामलों को कम करने में सहायक सिद्ध हुआ, बल्कि इससे संबंधित पक्षों को मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक राहत भी प्राप्त हुई। कार्यक्रम के सफल आयोजन में न्यायिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन एवं अधिवक्तागण व संबंधित विभागों के समन्वय ने यह सिद्ध किया कि संवेदनशीलता, संवाद और सहयोग से पारिवारिक विवादों का स्थायी समाधान संभव है। मिशन शक्ति 5.0 के तहत चलाया गया यह पहल समाज के लिए एक प्रेरणादायक है तथा पारिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ डा0 अनिल कुमार के सहयोग से मा0 न्यायालय से ही 40 दम्पत्ति जोडों को फुल-माला व उपहार देकर उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए विदा किया गया । मंन्त्रोच्चारण के बीच माला पहनाकर दम्पत्तियों ने न्यायालय व पुलिस प्रशासन को कोटी कोटी धन्यवाद दिया। मा0 न्यायालय के प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश एहसानउल्ला खान ने अपने सम्बोधन में कहा कि 40 दम्पत्तियों को जो कई वर्षों से अलग रह रहे थे आज उनका पुनर्मिलन देखकर काफी हर्ष हो रहा है। उपस्थित दम्पत्तियों को सम्बोधित करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि विवाद हर परिवार में होता है। सभी को आपसी समझ व बुद्धिमानी से विवाद का सामाधान घर परिवार में ही कर लेना चाहिए। न्यायाधिश ने भविष्य के लिए सभी दम्पत्तियों को शुभकामना देते हुए विदा किया। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से 13 दिसंबर को कुल 180 प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिसमें 40 दम्पत्ति जोडों के पुनर्मिलन के आलावा मिशन शक्त्ति 5.0 के तहत मा0 न्यायालय व पुलिस के समन्वय से अब तक पिडिता/वादिनी को कुल 117 प्रकरणों में 21,14,000/- रुपये व जमीन (भूमि) भरण पोषण के रुप में प्रदान किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *