आजमगढ़ के निजामाबाद थाना क्षेत्र के गंधुवई गांव में अपनी ससुराल में 36 वर्षीया फूलमती पत्नी लालजीत की दो दिन पूर्व 27 जून को संदिग्ध हालत में मौत हो गई। घटना में ससुराल वाले पहले जहर खाने की बात करते रहे। फिर भर्ती होने की बात किए। फिर मौत होने की जानकारी दे दी। यह सब कुछ 10 से 15 मिनट के अंतर में हुआ। जब तक मायका मुबारकपुर थाना क्षेत्र के खुखड़ीपुर से मृतका के भाई अर्जुन व अन्य परिजन पहुंचते तब तक शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली गई थी। हालांकि भाई व अन्य मायका पक्ष के लोगों ने अंतिम संस्कार से रोक दिया और पुलिस को सूचना दी। मौके पर स्थानीय लोग ग्राम प्रधान दबाव बनाने लगे। इसके बाद पुलिस भी स्थानीय लोगों के साथ ही बात करने लगी। मायका से आए लोगों पर समझौता करने का दबाव बनाए जाने लगा। यहां तक कि मृतका के भाई अर्जुन को मारने के लिए दौड़ा लिया गया। किसी प्रकार से मायका पक्ष के लोग वहां डटे रहे। लेकिन पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। परिजनों को मजबूरी में शुक्रवार को एसपी ऑफिस पहुंचकर एसपी से गुहार लगानी पड़ी। तब जाकर पुलिस विधिक कार्रवाई में जुटी और शव के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुई। शनिवार को दिन में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मृतका के भाई अर्जुन ने मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि 4 जून को ही उसकी बहन के देवर की शादी हुई थी। जिसमें कर्ज लिया गया था। इसी कर्ज को पाटने के लिए फूलमती पर पैसा लाने का दबाव बनाया जा रहा था। सुनते हैं अर्जुन ने क्या जानकारी दी।