कांग्रेस नेता राम प्रताप यादव की संदिग्धावस्था में मौत, हत्या का आरोप, संपत्ति विवाद में बेटो में हुई हाथ पाई, सूचना पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर कराया पोस्टपार्टम

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आजमगढ़ : कांग्रेस के नेता रहे राम प्रताप यादव का बुधवार की सुबह उनके आवास पर शहर के बलरामपुर में निधन गया। जानकारी के अनुसार प्रॉपर्टी विवाद में दो पुत्रो ने अपने एक भाई पर हत्या आरोप लगाते हुए हंगामा किया । सूचना पर घर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई। पुलिस फिलहाल जांच कर रही है।
नगर कोतवाली क्षेत्र के आहोपट्टी निवासी 75 वर्षीय कांग्रेस नेता राम प्रताप यादव को तीन पुत्र पप्पू यादव उर्फ रविंद्र यादव, राजेश यादव और संतोष यादव हैं। रामप्रताप यादव पुत्र राजेश के साथ उनके आवास बलरामपुर में रहते थे। रामप्रताप यादव की ससुराल फूलपुर कोतवाली के अंबारी में है, ससुराल में उनका नेवासा था। पूरी प्रापर्टी बेच दी थी। उनके अन्य दोनों बेटो ने आरोप लगाया कि प्रापर्टी बेच कर नकदी राजेश को दे दी थी। इसके साथ ही अन्य प्रॉपर्टी राजेश के नाम पर रजिस्टर्ड वसीयत कर दी थी। वसीयत की नोटिस पहुंचने पर रविंद्र यादव और संतोष यादव को जानकारी हुई। बुधवार की सुबह कांग्रेस नेता रामप्रताप का निधन हो गया। दोनों भाई अपने भाई राजेश के घर पहुंचे। पिता की हत्या का आरोप लगाने लगे। जिसे लेकर भाईयो में हाथा पायी हो गई। तीनो भाईयो को पुलिस साथ लेकर कोतवाली आयी। दोपहर तक कोतवाली में पंचायत चलती रही। कोतवाल यादवेंद्र पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई है।

राम प्रताप यादव कांग्रेस पार्टी से लंबे समय तक जुड़े रहे। कांग्रेस पार्टी में 1988 से 2002 तक रहे जिला उपाध्यक्ष के पद पर रहे है। इसके साथ ही 1996 से 2000 तक रहे कांग्रेस पार्टी के पीसीसी सदस्य रहे। 2002 में सदर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे।

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