उपमुख्यमंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक की तरफ से लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कई दावे किए जाते हैं लेकिन आजमगढ़ का मंडलीय अस्पताल मरीज और उनके तीमारदारों के शोषण का केंद्र बन गया है। कहने को तो यहां पर मुफ्त ओपीडी से लेकर इलाज और ऑपरेशन की सुविधा है लेकिन यहां वसूली ऐसी होती है कि प्राइवेट अस्पताल भी पीछे छूट जाते हैं। डॉक्टर के साथ उनकी चलने वाली टीम डॉक्टर के जाने के बाद वसूली अभियान में लग जाती है। डॉक्टर से पूछने पर डांट दिया जाता है। सबसे बुरी स्थिति ऑर्थो विभाग की है। हड्डी से संबंधित ऑपरेशन को लेकर 42000 रुपए से लेकर ₹6000 रुपए तक की वसूली का आरोप मरीजों के तीमारदारों ने लगाया है। मरीज ऐसे हैं कि कोई साइकिल का पंचर बनाता है तो कोई खेत का मजदूर है। लेकिन डॉक्टर के लिए वह दोहन का साधन है। इसको आसानी से समझा सकता है। रविवार को ऐसे तीन मामले सामने आए। जब पीड़ितों ने हड्डी संबंधित ऑपरेशन के मामले में वसूली का आरोप लगाया। इसी को लेकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने रविवार को एसआईसी को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की। एसआईसी ने मामले में कार्रवाई का भरोसा दिया।
मंडलीय अस्पताल में धड़ल्ले से हो रही मरीजों व तीमारदारों से वसूली
एसआईसी ने कार्रवाई का दिया भरोसा
हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने एसआईसी को सौंपा ज्ञापन