
आजमगढ़:
“दीपैः आलोक्यतां जीवनमार्गः” को ध्येय में रखते हुए जी.डी. ग्लोबल स्कूल में दीपोत्सव बड़े ही हर्ष एवं धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया।
विद्यालय के क्रीडांगन में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत और बैज प्रेज़ेंटेशन से हुई।विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल को अध्यापिका श्रीमती शिखा श्रीवास्तव ने , प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल को वरिष्ठ अध्यापक श्री हरेश त्रिपाठी ने बैज पहनाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद विद्यालय के छात्र- छात्राओं द्वारा प्रस्तुत वाद्य-संगीत ने वातावरण को संगीतमय बना दिया।
इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत राम भजन ने सभी को भक्ति भाव से ओतप्रोत कर दिया।विद्यालय की निदेशिका ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए परोपकार, गौ-सेवा, पशु-पक्षियों की सेवा पर बल दिया। दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए आनलाइन शापिंग से बचने तथा विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालय का उद्देश्य केवल अकादमिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण भी है। ऐसे उत्सव विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व और आस्था को मजबूत करते हैं।” तत्पश्चात् छात्र अथर्व द्वारा विद्यालय के शैक्षिक भ्रमण पर्वतीय क्षेत्रों, नैनीताल के झीलों, भीमताल एवं जिम कार्बेट पार्क आदि पर अनुभवात्मक यात्रा- वृतांत बताते हुए आभार व्यक्त किया गया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत लक्ष्मी-गणेश स्तुति ने दीपोत्सव के दृश्य को सजीव कर दिया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत यह स्तुति कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र रही। विद्यालय के प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल ने अपने संबोधन का प्रारंभ रामचरितमानस की प्रसिद्ध चौपाई मंगल भवन अमंगल हारी …….से प्रारंभ किया।उन्होंने संदेश दिया कि अपने मन के प्रकाश को जाग्रत करके विश्वव्यापी बनाना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने धनतेरस, नरक-चतुर्दशी, दीपीवली, गोवर्धनपूजा एवं भैयादूज इन पांचों पर्व की महत्ता को प्रतिपादित किया तथा लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा एवं भारतीय संस्कृति की महत्ता बताते हुए हरि अनंत हरि कथा अनंता के साथ दीपोत्सव की शुभकामना दी।
इसके बाद सीनियर वर्ग की छात्राओं द्वारा अत्यंत ही सुंदर एवं मनोहर गरबा नृत्य प्रस्तुत किया गया , जो सभी के आकर्षण का केंद्र रहा। विद्यालय के विद्यार्थियों ने रामलीला का रंगारंग मंचन किया । मंच पर विद्यार्थियों ने भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन, मर्यादा, और सत्य के प्रति समर्पण को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। रावण वध,राम का अयोध्या आगमन प्रसंग ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।छात्रों के उत्कृष्ट अभिनय, संवाद अदायगी तथा सजीव मंच-सज्जा ने कार्यक्रम को अत्यंत आकर्षक बना दिया। कार्यकारी निदेशक श्री श्रीश अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक पर्व है। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, यदि हमारे भीतर सत्य, सद्भावना और परिश्रम का दीप प्रज्वलित है तो सफलता निश्चित है। अपने जीवन में सकारात्मक विचार, स्वच्छता, अनुशासन और मानवीय मूल्यों को अपनाएँ। साथ ही, पर्यावरण की रक्षा हेतु हरित दीपावली मनाएँ और पटाखों से होने वाले प्रदूषण से बचें। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने अपने उद्बोधन धन का प्रारंभ मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम की स्तुति से किया। उन्होंने गौ-सेवा सहभागिता, विद्यालय-वेश , दैनंदिनी आदि आधृत विभिन्न कक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ कक्षाओं को सम्मानित करते हुए दीपावली पर अपने वातावरण की शुद्धता के साथ-साथ मन- मस्तिष्क की शुद्धता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें स्वयं को नकारात्मक भावनाओं से दूर रखना चाहिए।दीपावली अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है। विद्यार्थियों को भी जीवन में सदैव सत्य, ज्ञान और परिश्रम के प्रकाश को अपनाना चाहिए।”
कार्यक्रम का समापन विघ्नहरणकर्ता भगवान गणेश एवं माता लक्ष्मी की भावपूर्ण आरती के साथ किया गया।